कैंपस फ्रंट ऑफ इंडिया बैन को असंवैधानिक बताकर कोर्ट में देगा चुनौती

नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने पीएफआई सहित उसके सहयोगी छात्र संगठन कैंपस फ्रंट ऑफ इंडिया को भी 5 साल के लिए प्रतिबंधित किया है। इस कार्यवाही को कैंपस फ्रंट ऑफ इंडिया ने असंवैधानिक बताया है और कोर्ट में चुनौती देने की बात कही है।

कैंपस फ्रंट ऑफ इंडिया ने अपना बयान ट्वीट किया है। बयान में कहा गया है कि कैंपस फ्रंट ऑफ इंडिया पर केंद्र सरकार का प्रतिबंध अलोकतांत्रिक और हमारे संवैधानिक मूल्यों के खिलाफ है।

कैंपस फ्रंट ऑफ इंडिया देश भर के छात्रों के बीच एक दशक से अधिक समय से काम कर रहा है, जिसमें धर्मनिरपेक्ष और लोकतांत्रिक भावना के साथ सामाजिक रूप से पिछड़े और जिम्मेदार युवाओं का निर्माण करना है। हम इसे काफी हद तक हासिल करने में सफल रहे हैं।

कैंपस फ्रंट ऑफ इंडिया ने कहा कि कई शिक्षित युवा जो संगठन का हिस्सा थे, अब सामाजिक गतिविधियों के विभिन्न क्षेत्रों में सक्रिय हो गए हैं। सीएफआई ने संवैधानिक और लोकतांत्रिक मूल्यों को बनाए रखा है और कानून के खिलाफ गतिविधियों को बढ़ावा नहीं दिया है।

बयान में ये भी कहा गया है कि सीएफआई एक संगठन के रूप में कानून के अनुसार गृह मंत्रालय द्वारा प्रतिबंध के आदेश को स्वीकार करता है और भारत में संगठन की सभी गतिविधियों को तत्काल प्रभाव से रोक देगा।

संगठन ने आगे कहा कि इसके साथ ही हम पीएफआई के संबंध में कैंपस फ्रंट पर लगे सभी आरोपों को निराधार और मनगढ़ंत बताते हुए खारिज करते हैं। संबंधित व्यक्तियों द्वारा कानूनी विशेषज्ञों से चर्चा के बाद इसे अदालत में चुनौती दी जाएगी। गौरतलब है कि कैंपस फ्रंट ऑफ इंडिया पीएफआई का ही एक छात्र संगठन माना जाता है।

—आईएएनएस

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