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‘शेख हसीना को वापस भेजें…’ बांग्लादेश ने भारत को फिर से लिखा पत्र, भारत ने क्या कहा?

रिपोर्टों के अनुसार, शेख हसीना के भारत भाग आने के बाद से बांग्लादेश ने तीसरी बार प्रत्यर्पण की मांग की है. इससे पहले दिसंबर 2024 में एक नोट भेजा गया था, और दूसरा ट्रायल खत्म होने के बाद भेजा गया था.

बांग्लादेश (Bangladesh) की अंतरिम सरकार ने पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना (Sheikh Hasina) के एक्सट्रैडिशन (प्रत्यर्पण) के लिए भारत को एक नया पत्र लिखा है. बांग्लादेश ने शेख हसीना के प्रत्यर्पण की मांग इंटरनेशनल क्राइम्स ट्रिब्यूनल द्वारा उन्हें मौत की सजा सुनाए जाने के कुछ दिनों बाद की है.

बता दें कि पिछले साल अगस्त में बांग्लादेश में छात्रों के नेतृत्व में हुए आंदोलन के बाद उन्हें सत्ता से बाहर कर दिया गया था. इसके बाद से 78 साल की शेख हसीना भारत में रह रही हैं.

बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के विदेश मामलों के सलाहकार तौहीद हुसैन ने बीते कल यानी कि रविवार, 23 नवंबर को पुष्टि की कि ढाका ने नई दिल्ली को एक नया फॉर्मल कम्युनिकेशन जारी किया है. ढाका ट्रिब्यून और सरकारी समाचार एजेंसी BSS में अधिकारियों के हवाले से बताया गया कि लेटेस्ट नोट वर्बल (औपचारिक राजनयिक पत्र) बांग्लादेश के उच्चायोग के माध्यम से नई दिल्ली भेजा गया है. यह संदेश उस समय भेजा गया जब बांग्लादेश के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार खलीलुर रहमान भारतीय राजधानी में एक क्षेत्रीय सुरक्षा बैठक से लौटे.

बांग्लादेश ने तीसरी बार प्रत्यर्पण की मांग की

रिपोर्टों के अनुसार, शेख हसीना के भारत भाग जाने के बाद बांग्लादेश ने तीसरी बार प्रत्यर्पण की मांग की है. इससे पहले दिसंबर 2024 में एक नोट भेजा गया था, और दूसरा ट्रायल खत्म होने के बाद भेजा गया था. ढाका ने भारत से पूर्व गृह मंत्री असदुज्जमां खान कमाल को भी वापस भेजने को कहा है, जिन्हें शेख हसीना के साथ ही मौत की सजा सुनाई गई थी. रिपोर्टों के मुताबिक, वे भारत में छिपे हुए हैं.

बांग्लादेश ने दी चेतावनी

बता दें कि शेख हसीना के मौत की सजा के बाद बांग्लादेश के विदेश मंत्रालय ने सार्वजनिक रूप से भारत को याद दिलाया कि दोनों देशों के बीच हुए प्रत्यर्पण समझौते के तहत नई दिल्ली के लिए दोषी ठहराए गए व्यक्तियों को वापस भेजना जिम्मेदारी है. मंत्रालय ने चेतावनी दी कि मानवता के खिलाफ अपराधों में दोषी पाए गए लोगों को शरण देना “बहुत ही गैर-मित्रतापूर्ण कदम” और “न्याय का मजाक” होगा.

भारत ने क्या बोला?

भारत ने जवाब में कहा कि उसने ट्रिब्यूनल के फैसले को “संज्ञान में लिया है” और दोहराया कि वह बांग्लादेश में शांति, लोकतंत्र और स्थिरता को समर्थन देने के लिए प्रतिबद्ध है. हालांकि भारत ने पिछले या मौजूदा किसी भी प्रत्यर्पण अनुरोध पर सीधे तौर पर कोई टिप्पणी नहीं की है.

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