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Assam: USTM के चांसलर महबूबुल हक को बड़ी राहत.. गुवाहटी हाई कोर्ट ने दी अंतरिम जमानत

गुवाहटी हाई कोर्ट ने सोमवार, 24 मार्च को मशहूर मुस्लिम शिक्षाविद् और यूनिवर्सिटी ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी मेघालय (USTM) के चांसलर महबूबुल हक को अंतरिम जमानत दे दी.

Assam: गुवाहटी हाई कोर्ट ने सोमवार, 24 मार्च को मशहूर मुस्लिम शिक्षाविद् और यूनिवर्सिटी ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी मेघालय (USTM) के चांसलर महबूबुल हक को अंतरिम जमानत दे दी. महबूबुल हक को ढेकियाजुली मामले के सिलसिले में गिरफ्तार किया गया था.

महबूबुल हक की गिरफ्तारी असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा द्वारा लगाए गए आरोपों के बाद हुई, जिसमें ‘बाढ़ जिहाद’ के दावे और हक पर छात्रों को एहसान के बदले उच्च अंक देने का वादा करने का आरोप शामिल था.

हाईकोर्ट ने इस मामले की सुनवाई के दौरान पाया कि महबूबुल हक ने जमानत देने के लिए मजबूत आधार पेश किए थे. हालांकि अंतिम निर्णय लेने से पहले केस डायरी की समीक्षा करने की आवश्यकता पर जोर दिया.

कुछ खास शर्तों के साथ महबूबुल हक को अंतरिम जमानत

जस्टिस मिताली ठाकुरिया ने कुछ खास शर्तों के साथ महबूबुल हक को अंतरिम जमानत दी. मिताली ठाकुरिया ने कहा कि जांच में पूरा सहयोग करना, आवश्यकता पड़ने पर जांच अधिकारी के समक्ष अनिवार्य रूप से उपस्थित होना और मामले में शामिल व्यक्तियों को किसी भी तरह से प्रभावित करने पर रोक शामिल है. साथ ही महबूबुल हक को मामले से संबंधित तथ्यों का खुलासा करने से किसी को रोकने का प्रयास नहीं करना चाहिए.

अदालत ने महबूबुल हक को अंतरिम जमानत देने के लिए 50,000 रुपये की राशि निर्धारित की है. साथ ही इतनी ही राशि जमानती भी होना चाहिए. हालांकि वहीं यह जमानत अस्थायी है. और यह 9 अप्रैल, 2025 को अगली सुनवाई तक ही वैध है.

इन धाराओं पर आरोप दर्ज

यूनिवर्सिटी ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी मेघालय (USTM) के चांसलर महबूबुल हक को असम पुलिस ने फरवरी में गुवाहाटी में उनके आवास से गिरफ्तार किया था. उन पर बीएनएस की धारा 318(4)/316(5)/336(3) और सार्वजनिक परीक्षा (अनुचित साधनों की रोकथाम) अधिनियम, 2024 की धारा 11(1) के तहत आरोप हैं.

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