Bihar: बिहार में प्रमुख विपक्षी पार्टियां लगातार चुनाव आयोग के SIR (Special Intensive Revision) प्रक्रिया के खिलाफ प्रदर्शन कर रही है. विपक्षी राजनीतिक दलों का आरोप है कि चुनाव से ठीक पहले इस तरह की प्रक्रिया अपनाकर चुनाव आयोग सत्ता पक्ष का फायदा पहुंचाने की कोशिश कर रही है. इसी बीच चुनाव आयोग ने एक रिपोर्ट जारी करते हुए कहा कि 52 लाख मतदाताओं के नाम हटाए जाएंगे.
चुनाव आयोग ने कहा कि 18 लाख मतदाता ऐसे हैं, जो मर चुके हैं, 26 लाख मतदाता अलग निर्वाचन क्षेत्रों में चले गए हैं और 7 लाख मतदाता ऐसे हैं, जिनका दो जगहों पर नाम है.
चुनाव आयोग ने जारी की सूची
चुनाव आयोग ने एक प्रेस रिलीज जारी करते हुए कहा कि सीईओ/डीईओ/ईआरओ/बीएलओ ने सभी राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों के साथ बैठकें की हैं और उन 21.36 लाख मतदाताओं की विस्तृत सूची साझा की है जिनके फॉर्म अभी तक प्राप्त नहीं हुए हैं. साथ ही, लगभग 52.30 लाख मतदाताओं की भी सूची शेयर की है जो कथित तौर पर मृत हो चुके हैं या स्थायी रूप से स्थानांतरित हो गए हैं या फिर एक से अधिक स्थानों पर नाम है.
चुनाव आयोग ने एक महीने का दिया समय
चुनाव आयोग ने कहा कि 24.06.2025 के SIR के आदेश के अनुसार, 1 अगस्त से 1 सितंबर, 2025 तक, किसी भी आम आदमी को ड्राफ्ट मतदाता सूची में जोड़ने, अलग करने या फिर सुधार के लिए आपत्ति दर्ज कराने के लिए पूरा एक महीना का समय उपलब्ध होगा.
#Facts revealed from #BiharSIR so far
✅ 18 lakh deceased electors reported
✅ 26 lakh electors shifted to different constituencies, and
✅ 7 lakh electors enrolled at two places
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— Election Commission of India (@ECISVEEP) July 22, 2025
विपक्षी पार्टियों का लगतार विरोध प्रदर्शन
बता दें कि प्रमुख विपक्षी पार्टियां कांग्रेस, आरजेडी और AIMIM लगातार चुनाव आयोग के SIR प्रक्रिया का विरोध कर रही है. विपक्षी पार्टियों के सांसदों ने संसद के मानसून सत्र के पहले और दूसरे दिन संसद परिसर में इसके खिलाफ प्रदर्शन भी किया और नारे बाजी की.
मानसून सत्र की तीसरे दिन भी प्रदर्शन
मानसून सत्र के तीसरे दिन आज यानी कि बुधवार, 23 जुलाई को भी SIR प्रक्रिया के खिलाफ प्रदर्शन प्रदर्शन किया गया. इस दौरान कई सांसदों ने काली कमीज पहन रखी थी और कई सांसदों ने बांह पर काली पट्टी बांध रखी थी. संसद के मकर द्वार के सामने आयोजित इस विरोध प्रदर्शन में लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी, समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव और कई अन्य सांसद शामिल हुए.