‘कर्नाटक में हिजाब का मुद्दा बीजेपी ने खड़ा किया, हिजाब से इनको तकलीफ क्यों हो रही है?’: असदुद्दीन ओवैसी

ऑल इंडिया मजलिस ए इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के अध्यक्ष और सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने कर्नाटक में जारी हिजाब विवाद पर मीडिया से बात करते हुए बीजेपी पर जमकर निशाना साधा और इसके लिए बीजेपी को ज़िम्मेदार ठहराया.

उन्होंने ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि कर्नाटक में हिजाब का मुद्दा बीजेपी ने खड़ा किया. इनको हिजाब, नक़ाब और दुपट्टे से तकलीफ क्यों हो रही है?

एक पत्रकार ने जब सांसद असदुद्दीन ओवैसी से पूछा कि असम के मुख्‍यमंत्री हेमंत बिस्वा सरमा का कहना है कि इस्लाम में शिक्षा पर जोर है, हिजाब पर नहीं. इस पर असदुद्दीन ओवैसी ने अपनी बात रखते हुए कहा कि ‘इस्लाम मुझे सीखना है तो मैं किसी इस्लामिक उलेमा से स्कॉलर से सीखूंगा. मैं इन लोगों से तो इस्लाम नहीं सीखूंगा. हम इन से यह कह रहे हैं कि आप संविधान में जो मौलिक अधिकार दिए गए हैं भारत के हर नागरिक को, उसको आप दीजिये और ये जो कर्नाटक में हिजाब का मुद्दा खड़ा हुवा है इसको बीजेपी ने खड़ा किया है. वह 6 लड़कियां पहले से ही हिजाब पहनकर आ रही थीं, उन्होंने अभी से नहीं शरू किया था. आप ने एक नियम बनाया और उसको रोक दिया और वहीं से बीजेपी ने यह विवाद खड़ा किया. अगर कोई लड़की हिजाब, नक़ाब, दुपट्टा और जीन्स पैंट पहनती है तो इससे इन लोगों को तकलीफ क्यों हो रही है?’

उन्होंने सवाल किया कि ‘क्या इससे किसी को तकलीफ या नुक्सान पहुंच रहा है? उन्होंने कहा कि सिर पर अगर कोई हिजाब पहन रहा है तो इससे किसी को नुक्सान तो नहीं हो रहा है और वह शिक्षा हासिल करने जा रही हैं, ताक़तवर बनने जा रही हैं, तो आप उनको रोक रहे हैं.’

उन्होंने कहा कि ‘इससे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का बयान खोखला साबित होता है. जब आप कहते हैं कि हम को उत्तर प्रदेश में मुस्लिम महिलाओं ने वोट दिया. हिमाचल प्रदेश में आपकी सरकार है वहां पर आप ने क़ानून बना दिया, मध्य प्रदेश में बीजेपी की सरकार है, वहां पर आप ने क़ानून बना दिया और कर्नाटक में आपकी सरकार है तो आप उनकी सुरक्षा तो छोड़िये आप उनको सशक्तिकरण भी नहीं करना चाहते, उनको तालीम हासिल नहीं करने दे रहे हो, ये असल बीजेपी का चेहरा है जो देश देख रहा है.’

असदुद्दीन ओवैसी ने एक चुनावी रैली में भाषण देते हुए कहा है कि ‘हिजाब और बुर्क़ा पहनना तो हमारा हक़ है. हिजाब पहनना मेरा संवैधानिक अधिकार है. मैं क्या पहनता हूं? क्या खाता हूं? किसी के बाप को झांकने की ज़रूरत नहीं है उसमें.’ उन्होंने आगे कहा कि ‘मेरी बेटी क्या पहनेंगी, मेरी मां किया पहनेंगी, मेरी पत्नी किया पहनेंगी, मेरा साला किया पहनेगा? अरे तू अपने घर की फ़िक्र कर मेरे पीछे क्यों पड़ा है? अब क्या हम तुम से पूछ कर पहनेंगे कि किया पहनना है?’

बता दें कि असम के मुख्‍यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा (Himanta Biswa Sarma) ने भी हिजाब मामले को लेकर बयान दिया है. उन्होंने न्यूज एजेंसी एएनआई से कहा कि हिजाब को लेकर कोई विवाद होना ही नहीं चाहिए. अगर कुरान शरीफ का अध्ययन ठीक से किया जाए तो उसमें शिक्षा पर जोर है, हिजाब पर नहीं. अब सवाल यही है कि शिक्षा जरूरी है या हिजाब. मुस्लिमों की सबसे बड़ी जिम्मेदारी शिक्षा को लेकर है.

इससे पूर्व केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने शनिवार को हिजाब विवाद को एक ‘साजिश’ करार दिया और कहा कि यह पसंद का मामला नहीं है, बल्कि सवाल है कि क्या कोई व्यक्ति किसी संस्थान के नियमों, ड्रेस कोड का पालन करेगा या नहीं. कर्नाटक में मुद्दे पर छिड़े विवाद के संबंध में प्रतिक्रिया देते हुए उन्होंने नयी दिल्ली में संवाददाताओं से कहा कि ‘कृपया इसे विवाद के रूप में न लें…यह एक साजिश है.’

खान ने कहा कि मुस्लिम लड़कियां हर जगह ‘बहुत अच्छा’ कर रही हैं और इसलिए उन्हें प्रोत्साहन की जरूरत है. उन्हें नीचे धकेलने की जरूरत नहीं है. उन्होंने कहा कि यह (हिजाब पहनना) पसंद का सवाल नहीं है, बल्कि यह सवाल है कि अगर आप किसी संस्थान में शामिल हो रहे हैं तो क्या आप नियमों, अनुशासन और ड्रेस कोड का पालन करेंगे या नहीं.

एआईएमआईएम के राष्ट्रीय प्रवक्ता और पूर्व विधायक वारिस पठान ने हिजाब विवाद पर कहा कि ‘मुझे हिजाब पहनने का मौलिक अधिकार है, जो संविधान द्वारा दिया गया है. मैं चाहता हूं कि मेरी महिलाएं हिजाब पहनें, एक हाथ में संविधान, दूसरे में कुरान और प्रधान मंत्री बनें.’

बता दें कि पिछले दिनों कर्नाटक के उडुपी में सरकारी महाविद्यालय में हिजाब पहनकर आई छात्रों को कक्षाओं में प्रवेश नहीं देने से विवाद शुरू हुआ था. बाद में यह विवाद और गंभीर हो गया और कुछ हिंदू छात्र भगवा गमछा लेकर आने लगे. बात इतनी बढ़ गई कि मामला कर्नाटक हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच गया.

spot_img
1,710FansLike
255FollowersFollow
118FollowersFollow
14,500SubscribersSubscribe