Omar Abdullah: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बीते दिनों संसद में संविधान (130वां संशोधन) विधेयक 2025, केंद्र शासित प्रदेश सरकार (संशोधन) विधेयक 2025, जम्मू और कश्मीर पुनर्गठन (संशोधन) विधेयक, 2025 पेश किया था. इस बिल का विपक्ष ने पुरजोर विरोध किया था. साथ ही विपक्ष ने इस बिल की कॉपी भी फाड़ी थी. अब जम्मू- कशमीर के सीएम उमर अब्दुल्ला ने कहा कि इस कानून का भी गलत इस्तेमाल किया जाएगा.
‘विपक्ष के लोगों को बनाया गया निशाना’
जम्मू कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने समाचार एजेंसी एएनआई से बात करते हुए 130वां संविधान संशोधन विधेयक पर कहा कि फिलहाल तो जितने भी मामले दर्ज हुए या गिरफ्तारियां हुई हैं, उनमें सिर्फ और सिर्फ विपक्ष के लोगों को ही निशाना बनाया गया है.
उमर अब्दुल्ला ने आगे कहा कि कोई कानून अपने आप में खराब नहीं होता, उसका इस्तेमाल गलत किया जाता है. मुझे डर इस बात का है कि इस कानून का भी गलत इस्तेमाल किया जाएगा.
‘BJP हमेशा सत्ता में नहीं रहेगी’
मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने बीजेपी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि मैं बीजेपी को लोगों को याद दिलाना चाहता हूं कि वे हमेशा सत्ता में नहीं रहेंगे. आज जिस कानून का वे इस्तेमाल कर रहे हैं, कल वही कानून उनके खिलाफ इस्तेमाल होगा.
#WATCH | नागरोटा: जम्मू कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने 130वां संविधान संशोधन विधेयक पर कहा, “फिलहाल तो जितने भी मामले दर्ज हुए या गिरफ्तारियां हुई हैं, उनमें सिर्फ और सिर्फ विपक्ष के लोगों को ही निशाना बनाया गया है… कोई कानून अपने आप में खराब नहीं होता, उसका इस्तेमाल… pic.twitter.com/a7atpWgMil
— ANI_HindiNews (@AHindinews) August 22, 2025
ओवैसी ने किया पुरजोर विरोध
AIMIM सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने भी प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री और मंत्रियों को गंभीर आपराधिक मामलों में हटाने से जुड़े बिल पर कहा था कि यह बिल असंवैधानिक है. प्रधानमंत्री को कौन गिरफ्तार करेगा? कुल मिलाकर, बीजेपी सरकार इन बिलों के जरिए हमारे देश को एक पुलिस राज्य बनाना चाहती है. ओवैसी ने आगे कहा कि हम इसका पुरजोर विरोध करेंगे. बीजेपी ये भूल रही है कि सत्ता हमेशा के लिए नहीं होती.
क्या है इस विधेयक में?
इन विधेयकों का मकसद राजनीति को अपराधियों से साफ करना है. इसके तहत अगर प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री या कोई मंत्री किसी गंभीर अपराध में गिरफ्तार होकर लगातार 30 दिन तक जेल में रहता है. ऐसा अपराध जिसमें 5 साल या उससे ज्यादा की सजा हो सकती है, तो अगर वह खुद इस्तीफा नहीं देता, तो 31वें दिन उसे अपने पद से अपने आप हटा हुआ माना जाएगा. हालांकि, अगर वह अदालत से बरी हो जाता है, तो वह दोबारा अपना पद संभाल सकता है.

