مسجد تو بنا دی شب بھر میں ایماں کی حرارت والوں نے
من اپنا پُرانا پاپی ہے، برسوں میں نمازی بن نہ سکا
मस्जिद तो बना दी शब् भर में, ईमान की हरारत वालों ने
मन अपना पुराना पापी है, बरसों में...
पैग़म्बर मुहम्मद (सल्ल.) – सम्पूर्ण मानवजाति के लिए ईशदूत
प्रिय दर्शको,
आज की इस बैठक में मुहम्मद (सल्ल.) के उन पलों की चर्चा की जाएगी जब आपको नबी बना दिया गया था। यह बहुत बड़ी ज़िम्मेदारी थी। पूरी मानवजाति में किसी...
جو میں سر بہ سجدہ ہوا کبھی، تو زمیں سے آنے لگی صدا
ترا دِل تو ہے صنم آشنا، تجھے کیا ملے گا نماز میں
जो मै सर बा सजदा हुवा कभी, तो ज़मीन से आने लगी सदा
तेरा दिल तो है...
अन्तिम रसूल (सल्ल.) पर पहली ‘वह्य’
प्रिय दर्शको,
आपपर सलामती और अल्लाह की रहमत हो। आजकी प्रस्तुति का शीर्षक है ‘अन्तिम नबी पर पहली वह्य’। हज़रत मुहम्मद (सल्ल.) उस समय तक चालीस वर्ष के हो चुके थे। चिंतन-मनन का सिलसिला जारी...
ज़ैद: अल्लाह के रसूल (सल्ल.) के संरक्षण में
प्रिय दर्शको,
आप सबको मेरा सलाम। आज की इस प्रस्तुति का शीर्षक है, ‘ज़ैद-बिन-हारिसा (रज़ि.) : अल्लाह के रसूल (सल्ल.) के संरक्षण में’। आप जानते हैं कि उस ज़माने में ग़ुलामी रिवाज था।...
हज़रत ख़दीजा (रज़ि.) का उच्च स्थान
बिस्मिल्लाहिर्रहमानिर्रहीम
(अल्लाह दयावान, कृपाशील के नाम से)
प्रिय दर्शको,
आज हम आपको हज़रत ख़दीजा (रज़ि.) के बारे में कुछ बातें बताएँगे। हज़रत ख़दीजा (रज़ि.) चालीस वर्ष की आयु में मुहम्मद (सल्ल.) के निकाह में आईं और लगभग...
بے خطر کود پڑا آتشِ نمرود میں عشق!
عقل ہے محوِ تماشائے لبِ بام ابھی
बे ख़तर कूद पड़ा आतिशे नमरूद में इश्क़!
अक़्ल है महवे तमाशाये लबे बाम अभी
be khatar kud padaa aatish-e-namrood mein ishq
aqal hai mahv-e-tamashaye lab-e-baam abhi
الفاظ و معنی:۔
آتش:...
یقیں محکم، عمل پیہم، محبت فاتح عالم
جہادِزندگانی میں یہ ہیں مردوں کی شمشیریں
यक़ीन मुहकम, अमल पैहम, मुहब्बत फातेह आलम
जेहादे ज़िंदगानी में यह हैं मर्दों की शमशीरें
yaqeen muhkam, amal paihum, muhabbat fatehe aalam
jihad-e-zindgani mein yeh hain mardon ki shamshirein
الفاظ و...
अल्लाह के रसूल हज़रत मुहम्मद (सल्ल.) की यात्रा
बिस्मिल्लाहिर्रहमानिर्रहीम
(अल्लाह दयावान, कृपाशील के नाम से)
प्रिय दर्शको, आप सबको मेरा प्यार भरा सलाम। नबी (सल्ल.) 8 वर्ष की आयु में अपने चाचा अबू तालिब के साथ व्यापारिक क़ाफ़िले में शामिल होकर सीरिया...
سبق پھر پڑھ صداقت کا، عدالت کا، شجاعت کا
لیا جائے گا تجھ سے کام دنیا کی امامت کا
सबक़ फिर पढ़ सदाक़त का, अदालत का, शुजाअत का
लिया जाएगा तुझ से काम दुनिया की इमामत का
sabaq phir padh sadaqat ka, adaalat...