कर्नाटक में जब से हिजाब मामला शुरू हुआ है तब से थमने का नाम नहीं ले रहा है. हिजाब पहनी छात्राओं के खिलाफ पहली बार प्राथमिकी दर्ज की गई है.
कर्नाटक उच्च न्यायालय (Karnatka High Court) की विशेष खंडपीठ (Special Bench) जहां हिजाब मामले (Karnatka Hijab Row) की रोजाना सुनवाई कर रही है. वहीं छात्राएं हिजाब पहनकर कॉलेजों में लगातार आ रही हैं और अधिकारियों के साथ रोजाना बहस भी कर रही हैं. इन छात्राओं के खिलाफ पहली दंडात्मक कार्रवाई शुक्रवार को की गई. तुमकुरु जिले में निषेधाज्ञा का उल्लंघन करने के आरोप में उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई (FIR lodged against protesting students in Karnataka) है.
हिजाब पहनने और कक्षाओं में जाने के अपने अधिकार की मांग कर रही छात्राओं ने कॉलेज परिसर में विरोध प्रदर्शन कर हंगामा किया. इसी को देखते हुए तुमाकुरु के एम्प्रेस कॉलेज के प्राचार्य ने पिछले दो दिनों में निषेधाज्ञा का उल्लंघन करने पर 15 से 20 छात्राओं के खिलाफ तुमाकुरु सिटी पुलिस में शिकायत दर्ज (Complaint Lodged Against 15-20 Students) कराई है. हालांकि प्राचार्य ने शिकायत में किसी का नाम नहीं लिया है.
हिजाब पहनकर कक्षाओं में जाने की अनुमति मांगने वाले अधिकारियों के विरोध में छात्राओं के खिलाफ यह पहली प्राथमिकी (The First Disciplinary Action Against Protesting Students) है. गृह मंत्री अरागा ज्ञानेंद्र ने पहले कहा है कि अब छात्राओं के प्रति कोई नरम रवैया नहीं होगा. अंतरिम आदेशों का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कार्रवाई शुरू करने का निर्देश दिया है.
एक अन्य घटना में, विजयपुरा जिले के इंडी कॉलेज के प्राचार्य ने एक हिंदू छात्र को ‘सिंदूर’ लगाने के चलते वापस भेज दिया. उसे गेट पर रोक दिया गया और सिंदूर हटाने के लिए कहा गया क्योंकि किसी भी धार्मिक प्रतीक की अनुमति नहीं है.
परिजन स्कूल परिसर में आए और स्कूल के अधिकारियों से पूछताछ की और कहा कि मूल परंपरा पर सवाल नहीं उठाया जा सकता. पुलिस के हस्तक्षेप के बाद छात्र को कक्षा के अंदर जाने दिया गया. श्रीराम सेना के संस्थापक प्रमोद मुतालिक ने प्राचार्य को निलंबित करने की मांग करते हुए कार्रवाई की निंदा की है.
हिजाब पहनने वाले मुस्लिम छात्रों के विरोध में भगवा शॉल के साथ कक्षाओं में भाग लेने आए छात्रों को प्रवेश से वंचित कर दिया गया और बेलगावी जिले के खानापुरा के नंधगढ़ कॉलेज में वापस भेज दिया गया. इस बीच, कूर्ग जिले के जूनियर कॉलेज के प्रिंसिपल का हिजाब पहने छात्रों को कॉलेज परिसर छोड़ने के लिए चिल्लाने का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया.
बता दें कि हिजाब विवाद पर कर्नाटक हाईकोर्ट में गुरुवार को सुनवाई के दौरान छात्राओं की ओर से कोर्ट में कहा गया कि हिजाब पर रोक कुरान पर प्रतिबंध लगाने के समान है. मुस्लिम छात्राओं को शिक्षण संस्थानों में हिजाब पहनकर प्रवेश से रोकने को लेकर विवाद दिसंबर में शुरू हुआ था, जब कर्नाटक के उडुपी जिले की छह छात्राओं ने आवाज़ उठाई थी. उसके बाद वही लड़कियां हाईकोर्ट में गुहार करने पहुंची थीं. तभी से यह मामला बढ़ता चला जा रहा है. कर्नाटक हाईकोर्ट ने फिलहाल कोई भी धार्मिक प्रतीक पहनकर स्कूल जाने पर अस्थाई रोक लगा दी है. हिजाब मामले को लेकर कोर्ट में सुनवाई चल रही है.