संभल की जामा मस्जिद का मंदिर होने का दावा, कोर्ट के आदेश पर हुआ सर्वे

संभल: उत्तर प्रदेश के संभल स्थित जामा मस्जिद का मंगलवार 19 नवंबर 2024 की रात को कलेक्टर की उपस्थिति में सर्वे हुआ. इस दौरान भारी पुलिस फोर्स की मौजूदगी में वीडियोग्राफी भी की गई. दरअसल, जामा मस्जिद को हरिहर मंदिर होने का दावा करते हुए हिंदू पक्ष ने कोर्ट में एक वाद दायर किया था. इसके बाद कोर्ट ने एडवोकेट कमिश्नर को नियुक्त करते हुए पूरे परिसर का सर्वे कराने का आदेश दिया.

कोर्ट का आदेश मिलते ही एवोकेट कमिश्नर रमेश राघव की निगरानी में डीएम डॉक्टर राजेंद्र पैंसिया और पुलिस अधीक्षक कृष्ण कुमार विश्नोई पुलिस फोर्स के साथ पहुंचे. एडवोकेट कमिश्नर रमेश राघव ने बताया कि मंगलवार को मुख्य हॉल और अन्य हॉल की वीडियोग्राफी कराई गई है. बाकी हिस्सों की भी वीडियोग्राफी कराई जा सकती है. यह रिपोर्ट 29 नवंबर 2024 तक कोर्ट में पेश किया जाएगा.

एनडीटीवी की खबर के अनुसार, संभल के डीएम और एसपी भी सर्वे के दौरान मौजूद रहे. संभल से समाजवादी पार्टी के सांसद जिया उर रहमान बर्क का दावा है कि ”सर्वे में कुछ नहीं मिला. ये मस्जिद है और मस्जिद ही रहेगी. ऐतिहासिक मस्जिद बहुत पुरानी है. 1991 में सर्वोच्च न्यायालय ने आदेश दिया था कि 1947 से जो भी धार्मिक स्थल जिस स्थिति में हैं, वे अपने स्थान पर ही रहेंगे. उसके बाद भी कुछ लोग देश और प्रदेश का माहौल खराब करना चाहते हैं, हम उनके खिलाफ हैं.”

कोर्ट के आदेश पर जब मस्जिद का सर्वे हो रहा था, तब वहां दोनों पक्षों के लोग मौजूद रहे. इस दौरान समाजवादी पार्टी के सांसद और मस्जिद कमेटी के लोग भी मौजूद रहें. एडवोकेट कमिश्नर ने सर्वे का काम पूरा किया. दरअसल हिंदू पक्ष का दावा है कि मस्जिद हरिहर मंदिर के ऊपर बनी है. सर्वे की खबर सुनते ही हज़ारों की संख्या में मुस्लिम समाज के लोग रात में ही मस्जिद के बाहर जमा हो गए थे.

हिंदू पक्ष के अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन का कहना है कि कोर्ट के आदेश पर शाही जामा मस्जिद में सर्वे किया गया है. अभी आगे भी होना है. उन्होंने कहा कि मस्जिद के अंदर सिर्फ फोटोग्राफर और कैमरामैन ही गए थे. इस दौरान दोनों पक्षों के लोग मौजूद रहे. वहीं, मुस्लिम पक्ष के लोग आसपास की छतों पर आ गए और हालात तनावपूर्ण हो गया. हालात को संभालने के लिए प्रशासन को काफी मशक्कत करनी पड़ी.

इस दौरान मंदिर का दावा करने वाले कैला देवी मंदिर के महंत ऋषिराज को मुस्लिम पक्ष ने मस्जिद में घुसने से रोक दिया. बाद में प्रशासन ने महंत को वहां से हटा दिया. इस मस्जिद का सर्वे करने का आदेश सिविल जज सीनियर डिवीजन आदित्य सिंह की कोर्ट ने दोपहर में दिया था और शाम को सर्वे का काम शुरू कर दिया गया. सर्वे देर रात तक चलता रहा.

हिंदू पक्ष द्वारा 95 पेज के वाद में दावा किया गया है कि हरिहर मंदिर को तोड़कर जामा मस्जिद बनवाया गया है और मस्जिद समिति इसका अनाधिकृत उपयोग कर रही है. हिंदू पक्ष का दावा है कि बाबर ने 1529 में इस मंदिर को तोड़कर मस्जिद में परिवर्तित कर दिया था. विष्णु शंकर जैन ने कहा कि उन्होंने ऐतिहासिक साक्ष्यों और हिन्दू आस्था के आधार पर यह याचिका दाखिल की है.

विष्णु शंकर जैन ने इस मामले में उत्तर प्रदेश सरकार, भारत सरकार, पुरातत्व विभाग (ASI), संभल के जिलाधिकारी और जामा मस्जिद कमेटी को पक्षकार बनाया है. उन्होंने कहा कि यह विवादित ढांचा पुरातत्व विभाग (ASI) द्वारा संरक्षित स्थल है. उन्होंने दावा किया है कि हरिहर मंदिर को वर्तमान समय में गलत ढंग से मस्जिद के रूप में प्रयोग किया जा रहा है.

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