Delhi High Court On Tahir Hussain: दिल्ली हईकोर्ट ने आज यानी कि गुरुवार, 25 सितंबर को 2020 के नॉर्थ ईस्ट दिल्ली दंगों के दौरान इंटेलिजेंस ब्यूरो (IB) के कर्मचारी अंकित शर्मा की हत्या के मामले में आम आदमी पार्टी (AAP) के पूर्व पार्षद ताहिर हुसैन की नियमित ज़मानत याचिका खारिज कर दी.
लाइव लॉ की रिपोर्ट के अनुसार, जस्टिस नीना बंसल कृष्णा ने दयालपुर थाने में दर्ज एफआईआर 65/2020 में हुसैन द्वारा दायर ज़मानत याचिका खारिज कर दी. न्यायाधीश ने कहा, “ज़मानत याचिका खारिज की जाती है.”
ट्रायल कोर्ट ने जमानत याचिका खारिज की
ताहिर हुसैन ने इस मामले में इससे पहले भी पिछले साल दिसंबर में जमानत की याचिका दायर की थी. हालांकि, बाद में कुछ नए घटनाक्रमों के चलते उन्होंने फरवरी में यह याचिका वापस ले ली थी, और उन्हें ट्रायल कोर्ट जाने की छूट दी गई थी.
इसके बाद 12 मार्च को ट्रायल कोर्ट ने उनकी जमानत याचिका खारिज कर दी. कोर्ट ने कहा कि जमानत देने लायक हालातों में कोई खास बदलाव नहीं हुआ है.
ताहिर हुसैन ने अब एक बार फिर हाई कोर्ट का रुख किया है ताकि उन्हें राहत मिल सके. इस मामले में वह पांच साल से ज़्यादा समय से जेल में बंद हैं.
क्या है पूरा मामला?
बता दें कि यह FIR अंकित शर्मा के पिता की शिकायत के आधार पर दर्ज की गई थी. उन्होंने दंगों के दौरान अपने बेटे के लापता होने पर गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई थी. बाद में अंकित शर्मा का शव एक नाले से बरामद हुआ.
शिकायतकर्ता के बेटे अंकित शर्मा इंटेलिजेंस ब्यूरो (IB) में अधिकारी थे. उस दिन शाम करीब 5 बजे घर से किराने और घरेलू सामान खरीदने के लिए निकले थे. लेकिन कई घंटे बीत जाने के बाद भी वह घर नहीं लौटे.
बाद में अंकित शर्मा का शव चांद बाग पुलिया के पास एक नाले में पड़ा मिला. उनके सिर, चेहरे, सीने, पीठ और कमर पर धारदार हथियारों से गंभीर चोटें थीं. इसके बाद शिकायतकर्ता (अंकित के पिता) ने FIR दर्ज करवाई, जिसमें उन्होंने शक जताया कि उनके बेटे की हत्या मुख्य आरोपी ताहिर हुसैन और उसके साथियों ने की है.
इसके बाद मार्च 2023 में ट्रायल कोर्ट ने ताहिर हुसैन, हसीन, नाज़िम, कासिम, समीर खान, अनस, फिरोज, जावेद, गुलफाम, शोएब आलम और मुन्ताजिम के खिलाफ आरोप तय किए.

