शरजील और 10 अन्य को आरोप मुक्त करने के फैसले के खिलाफ पुलिस ने हाईकोर्ट का किया रुख

नई दिल्ली: दिल्ली पुलिस ने 2019 के जामिया नगर हिंसा मामले में छात्र कार्यकर्ता शरजील इमाम और आसिफ इकबाल तनहा समेत 11 लोगों को आरोपमुक्त करने के निचली अदालत के आदेश को मंगलवार को दिल्ली उच्च न्यायालय में चुनौती दी।

निचली अदालत ने चार फरवरी को 11 लोगों को आरोप मुक्त करते हुए कहा था कि उन्हें पुलिस द्वारा ‘‘बलि का बकरा’’ बनाया गया और असहमति को प्रोत्साहित किया जाना चाहिए, न कि दबाया जाना चाहिए।

निचली अदालत ने, हालांकि, एक आरोपी मोहम्मद इलियास के खिलाफ आरोप तय करने का आदेश दिया था। सूत्रों के अनुसार, उच्च न्यायालय के समक्ष अभी याचिका को सूचीबद्ध किया जाना बाकी है।

अमृत विचार की खबर के अनुसार, दिसंबर 2019 में यहां जामिया नगर इलाके में संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) के खिलाफ प्रदर्शन करने वाले लोगों और पुलिस के बीच झड़प के बाद भड़की हिंसा के संबंध में एक प्राथमिकी दर्ज की गई थी।

इमाम पर 13 दिसंबर, 2019 को जामिया मिल्लिया इस्लामिया में भड़काऊ भाषण देकर दंगे भड़काने का आरोप लगाया गया था। इमाम जेल में ही रहेगा, क्योंकि वह 2020 के पूर्वोत्तर दिल्ली दंगों की साजिश मामले में भी आरोपी है।

न्यायाधीश ने कहा कि माना जा सकता है कि घटनास्थल पर बड़ी संख्या में प्रदर्शनकारी थे और भीड़ के भीतर कुछ असामाजिक तत्व व्यवधान और तबाही का माहौल बना सकते थे।

अदालत ने कहा था, ‘‘हालांकि, विवादास्पद सवाल बना हुआ है – क्या इन आरोपी व्यक्तियों की मिलीभगत के प्रथम दृष्टया कोई प्रमाण हैं? इसका उत्तर स्पष्ट नहीं है।’’ जामिया नगर थाना पुलिस ने इमाम, आसिफ इकबाल तनहा, सफूरा जरगर, मोहम्मद कासिम, महमूद अनवर, शहजर रजा खान, मोहम्मद अबुजार, मोहम्मद शोएब, उमर अहमद, बिलाल नदीम, चंदा यादव और मोहम्मद इलियास के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया था।

आरोप पत्र भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की विभिन्न धाराओं के तहत दाखिल किया गया, जिसमें 148 (दंगे, घातक हथियार से लैस), 186 (लोक सेवक के सार्वजनिक कार्य करने में बाधा डालना), 353 (लोक सेवक को उसके कर्तव्य के निवर्हन से रोकना), 308 (गैर इरादतन हत्या का प्रयास), 435 (नुकसान पहुंचाने के इरादे से आग या विस्फोटक पदार्थ से शरारत), 323 (जान बूझकर चोट पहुंचाना), 341 (गलत तरीके से बंधक बनाना) और 120 बी (आपराधिक साजिश) शामिल थे। आरोप पत्र में लोक संपत्ति नुकसान निवारण अधिनियम के प्रावधान भी शामिल हैं।

spot_img
1,706FansLike
260FollowersFollow
118FollowersFollow
14,800SubscribersSubscribe