नई दिल्ली: दिल्ली के कई हिस्सों में एयर क्वालिटी शुक्रवार सुबह “गंभीर” कैटेगरी में रही और एक बार फिर देश की राजधानी में धुंध की मोटी परत छा गई. एयर क्वालिटी इंडेक्स (एक्यूआई) में गिरावट की वजह से केंद्रीय प्रदूषण निगरानी संस्था ने ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (GRAP) के तीसरे फेज के तहत कई तरह के बैन आयद किए हैं, जिसमें शहर और एनसीआर में निर्माण गतिविधियों और BS-III पेट्रोल और BS-IV डीजल वाहनों के चलने पर प्रतिबंध शामिल है.
शुक्रवार सुबह 8 बजे से यह रोक लागू हो गई. दिल्ली सरकार ने यह भी ऐलान किया है कि प्रदूषण के खतरनाक स्तर की वजह से अगले आदेश तक प्राथमिक विद्यालयों में फिजिकल क्लासेस नहीं लगेंगी, लेकिन ऑनलाइन क्लासेज जारी रह सकती हैं. सेंट्रल पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड के डेटा के मुताबिक दिल्ली के आनंदविहार में गुरुवार को एयर क्वालिटी इंडेक्स (एक्यूआई) 441 नोट किया गया था.
बवाना (455), द्वारका सेक्टर 8 (444) और जहांगीरूरी (458) कुछ ऐसे इलाके हैं जहां दिल्ली में सबसे खराब वायु गुणवत्ता दर्ज की गई. हवा की क्वालिटी 400 से अधिक हो गई, जो गंभीर श्रेणी में आती है.
कमीशन ऑफ एयर क्वालिटी मैनेजमेंट (सीएक्यूएम) ने एक आदेश में कहा कि दिल्ली सरकार और एनसीआर देश की राजधानी और पड़ोसी गुरुग्राम, फरीदाबाद, गाजियाबाद और गौतमबुद्ध नगर में बीएस-III पेट्रोल और बीएस-IV डीजल (चार पहिया वाहन) पर रोक लगाई जाएगी. जो कोई भी इस आदेश का उल्लंघन करेगा उस पर 20,000 रुपये का जुर्माना लगेगा.
जीआरएपी के तीसरे फेज के तहत, एनसीआर राज्यों से सभी अंतरराज्यीय बसों को दिल्ली में एंट्री करने से रोक दिया जाएगा, साथ ही कंस्ट्रक्शन और विध्वंस गतिविधियों पर सख्त प्रतिबंध लगाया जाएगा, खनन से संबंधित गतिविधियों को निलंबित कर दिया जाएगा, प्रमुख सड़कों पर रोजाना पानी का छिड़काव किया जाएगा और क्लास 5 तक के छात्रों को ऑनलाइन कक्षाओं के लिए विचार किया जा सकता है.
इलेक्ट्रिक वाहन, सीएनजी वाहन और बीएस-VI डीजल बसों को एनसीआर में चलने की अनुमति दी जाएगी. सीएक्यूएम ने कहा कि निर्माण संबंधी गतिविधियों, जो अपेक्षाकृत कम प्रदूषणकारी और कम धूल पैदा करने वाली हैं, को एनसीआर में अनुमति दी जाएगी, बशर्ते कि सीएंडडी अपशिष्ट प्रबंधन नियमों का सख्ती से पालन किया जाए.