नयी दिल्ली: दिल्ली में 2022 में डेंगू के 4,469 मामले दर्ज किए गए, जो 2021 में इस बीमारी के मामलों की तुलना में 53 प्रतिशत कम हैं। दिल्ली नगर निगम द्वारा जारी आंकड़ों में यह जानकारी दी गई।
ये आंकड़े सोमवार को जारी किए गए जिनके अनुसार, पिछले साल 31 दिसंबर तक डेंगू के कारण नौ लोगों की मौत हो गई। राष्ट्रीय राजधानी में 2021 में 9,613 मामले पाए गए थे, जो 2015 के बाद सर्वाधिक थे। उस वर्ष 23 लोगों की मौत भी हुई थी, डेंगू से मौत का 2016 के बाद यह सर्वाधिक आंकड़ा था।
डेंगू और मलेरिया जैसी वेक्टर जनित बीमारियों के मामले आम तौर पर जुलाई और नवंबर के बीच मिलते है। कभी-कभी यह समय दिसंबर मध्य तक बढ़ जाता है। दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) द्वारा सोमवार को जारी रिपोर्ट के अनुसार, दिल्ली में पिछले साल जनवरी में 23, फरवरी में 16, मार्च में 22, अप्रैल में 20, मई में 30, जून में 32, जुलाई में 26, अगस्त में 75 मामले दर्ज किए गए। ये मामले अगस्त के बाद कई गुना बढ़ गए। वर्ष 2022 में सर्वाधिक 1,420 मामले नवंबर में सामने आए, जिसके बाद अक्टूबर में 1,238 मामले जबकि दिसंबर में 874 मामले दर्ज किए गए।
दिल्ली में 2022 में डेंगू के कुल 4,469 मामले सामने आए और 9 लोगों की मौत हुई: एमसीडी pic.twitter.com/6gfUYxMK7G
— ANI_HindiNews (@AHindinews) January 5, 2023
वर्ष 2015 में दिल्ली में डेंगू का भारी प्रकोप रहा। उस साल 10,600 मामले दर्ज किए गए थे, जो 1996 के बाद सर्वाधिक थे। एमसीडी की रिपोर्ट के अनुसार, दिल्ली में 2022 में मलेरिया के 263 और चिकुनगुनिया के 48 मामले भी दर्ज किए गए। वेक्टर जनित बीमारियों के लक्षणों में तेज बुखार, सर दर्द, खुजली, मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द आदि शामिल हैं, जैसे कोरोना वायरस से संक्रमित होने पर बुखार, मांसपेशियों और शरीर में दर्द, थकान और सर दर्द के अलावा अन्य लक्षण होते हैं।
आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, दिल्ली में 2017 में 4,726 मामले, 2018 में 2,798 मामले, 2019 में 2,036 मामले, 2020 में 1,072 मामले और 2021 में 9,613 मामले दर्ज किए गए। डेंगू से 2016 और 2017 में 10-10 लोगों की, 2018 में चार लोगों की, 2019 में दो लोगों की, 2020 में एक व्यक्ति की और 2021 में 23 लोगों की मौत हुई। एमसीडी की रिपोर्ट के अनुसार, पिछले साल 23 दिसंबर तक 1,71,334 घरों में मच्छरों के लार्वा पाये गये। प्रशासन ने इस संबंध में 1,22,282 कानूनी नोटिस भेजे हैं और 45,934 मुकदमे दर्ज किए गए हैं।
(इनपुट पीटीआई-भाषा)