उत्तर पूर्वी दिल्ली में हुए दंगों को आज दो साल पूरे हो चुके हैं. इन दंगों को लेकर दिल्ली पुलिस द्वारा कुल 758 एफआईआर दर्ज की गई थी जिनमें अब तक 2456 आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है. इनमें से 1053 आरोपियों को अदालत ने जमानत दी है, जबकि दो साल बाद भी 1356 आरोपी जेल में बंद हैं. यह आंकड़ा दिल्ली पुलिस कमिश्नर द्वारा प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान जारी किया गया है. उन्होंने बताया कि दंगों की जांच के लिए कई टीमें गठित की गई हैं जो मिलकर काम कर रही है.
जानकारी के अनुसार, उत्तर पूर्वी दिल्ली में 24 और 25 फरवरी 2020 को दंगे हुए थे. इन दंगों में उत्तर पूर्वी दिल्ली के अलग-अलग इलाकों में 53 लोगों की हत्या कर दी गई थी, जबकि 500 से ज्यादा लोग घायल हुए थे. यह दंगे उस समय किए गए थे जब अमेरिका के राष्ट्रपति दिल्ली आए हुए थे. इन दंगों को कंट्रोल करने के लिए पुलिस को कड़ी मशक्कत का सामना करना पड़ा था. वहीं, दंगे के चलते लगभग एक महीने तक इन क्षेत्रों में भारी पुलिस बल को तैनात किया गया था.
पुलिस कमिश्नर राकेश अस्थाना ने बताया कि दो साल पहले हुए दंगों को लेकर दिल्ली पुलिस द्वारा बेहतरीन जांच की गई है. इनमें 62 मामलों की जांच दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच को सौंपी गई थी, जबकि पूरी साजिश को लेकर एक मामला स्पेशल सेल द्वारा दर्ज किया गया था. स्पेशल सेल ने इस मामले की साजिश में शामिल रहे कई लोगों को गिरफ्तार किया है.
उन्होंने बताया कि दिल्ली पुलिस लगभग 400 केस में अपनी जांच पूरी कर चुकी है. अदालत में कई मामलों में आरोप पत्र दाखिल किए जा चुके हैं और 338 मामलों में अदालत में आरोपपत्र पर संज्ञान भी ले लिया है. वहीं 100 से ज्यादा मामलों में अब तक आरोप तय हो चुके हैं और आरोपियों पर ट्रायल चल रहा है. दो मामलों में आरोपियों को सजा भी हो चुकी है.
उन्होंने बताया कि दंगों की जांच को लेकर उत्तरी जिला डीसीपी सागर सिंह कलसी की देखरेख में एक विशेष टीम गठित की गई है. यह टीम सभी दायर किए गए आरोपपत्र की समीक्षा कर रही है. इसके अलावा जो आरोप पत्र दाखिल होने जा रहे हैं उनको लेकर भी छानबीन कर रही है.
उन्होंने बताया कि दंगों की जांच की क्वालिटी को बेहतर करने के लिए जिला के डीसीपी संजय सिंह की देखरेख में एक एसआईटी गठित की गई है. इसके जरिए उन केसों को मजबूती दी जा रही है जिनको लेकर अदालत ने टिप्पणी की थी.
उन्होंने बताया कि जिन मामलों में जांच ठीक नहीं है या पुलिसकर्मी अदालत नहीं पहुंच रहे हैं, ऐसी घटनाओं पर नजर रखने के लिए उत्तर पूर्वी जिला डीसीपी मॉनिटरिंग कर रहे हैं.
पुलिस कमिश्नर राकेश अस्थाना ने बताया कि कुछ मामलों में अदालत की सख्त टिप्पणी दंगों की जांच को लेकर आई थी. इसे लेकर पुलिस ने कानूनी तरीके से इसके खिलाफ ऊपर की अदालत में आवेदन किया था. कई मामलों में ऊपरी अदालतों ने कोर्ट की टिप्पणी को खारिज भी किया है.
उन्होंने बताया कि दिल्ली पुलिस दंगों में शामिल आरोपियों को सजा करवाने के लिए कड़ी मेहनत से काम कर रही है. इसके लिए साइंटिफिक एविडेंस जुटाए जा रहे हैं ताकि बचे हुए केसों की जांच पूरी कर जल्द उनमें आरोप पत्र दाखिल किए जा सके. उन्होंने बताया कि अदालत द्वारा कमी बताने पर उसे दूर किया जा रहा है ताकि पुलिस अपना पक्ष अदालत में मजबूती से रख सकें.
दिल्ली दंगों में कानूनी कार्रवाई:
दिल्ली दंगों को लेकर दर्ज एफआईआर-758
क्राइम ब्रांच के पास जांच- 62
स्पेशल सेल कर रही जांच-1
दिल्ली दंगों में हुए गिरफ्तार- 2456
दिल्ली दंगों में जमानत पर छूटे- 1053
दिल्ली दंगों के आरोपी जेल में- 1356
अब तक आरोपपत्र हुए दाखिल- 1610 के खिलाफ
अदालत ने लिया संज्ञान- 338 मामलों में
अदालत ने आरोप किये तय- 100 मामलों में
अदालत ने सुनाई सजा- 2 मामलों में
(ईटीवी भारत से इनपुट के साथ)