Delhi Riots 2020: दिल्ली हाईकोर्ट में बुधवार को दिल्ली दंगों के षड्यंत्र मामले में आरोपी मीरान हैदर की जमानत याचिक पर सुनवाई हुई. जहां हैदर ने हाईकोर्ट को बताया कि वह 2020 मे हुए दंगों को भड़काने वाले “षड्यंत्र बैठकों” का हिस्सा नहीं थे.
‘दिल्ली पुलिस द्वारा हिंसा के लिए जिम्मेदार माने गए किसी भी संदेश का सोर्स मीरान हैदर नहीं’
लाइव लॉ की एक रिपोर्ट के अनुसार, मीरान हैदर के वकील ने जस्टिस नवीन चावला और जस्टिस शालिंदर कौर की बेंच के सामने कहा कि हैदर DPSG व्हाट्सएप ग्रुप का सदस्य नहीं था और दिल्ली पुलिस द्वारा हिंसा के लिए जिम्मेदार माने गए किसी भी संदेश का सोर्स मीरान हैदर नहीं है.
‘हैदर कभी भी उस ग्रुप में शामिल नही थे’
मीरान हैदर के वकील ने आगे कहा कि पुलिस ने जिस व्हाट्सएप ग्रुप के मैसेज को हिंसा भड़काने और अशांति फैलाने के लिए चिह्नित किया है. हैदर कभी भी उस ग्रुप में शामिल नही थे और न ही कोई चिह्नित मैसेज हैदर के जरिये भेजा गया है.
‘हैदर को किसी भी सीसीटीवी फुटेज या तस्वीर में नहीं देखा गया’
हैदर के वकील ने आगे कोर्ट को बताया कि विपक्ष द्वारा पेश किए रिकॉर्ड के मुताबिक हैदर चांदबाग और सलीमपुर इलाकों में हुई गुप्त बैठकों में शामिल नहीं थे और न ही किसी गवाहों ने हैदर की मौजूदगी का जिक्र किया है. इसके साथ ही उन्होंने बताया कि हैदर को किसी भी सीसीटीवी फुटेज या तस्वीर में नहीं देखा गया हैं, जहां अभियोजन पक्ष ने अन्य सह-आरोपियों को हथियारों के साथ दिखाने का दावा किया है.
शिफा-उर-रहमान और मोहम्मद सलीम खान पर भी सुनवाई
वहीं इस मामले के सह-आरोपी शिफा-उर-रहमान और मोहम्मद सलीम खान की ओर से भी जवाबी दलीलें पेश की गईं. शिफा-उर-रहमान की ओर से पेश हुए सीनियर एडवोकेट सलमान खुर्शीद ने कहा कि उन्होंने हौज़ रानी के प्रदर्शन स्थल का दौरा केवल प्रदर्शनकारियों को नैतिक समर्थन देने के लिए किया था.