नई दिल्ली: दिल्ली की एक अदालत ने दिल्ली दंगों के मामले में आरोपी जेएनयू (जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय) के पूर्व छात्र डॉक्टर उमर खालिद को बड़ी राहत देते हुए बुधवार को अंतरिम जमानत दे दी है। कोर्ट ने उन्हें परिवार में आयोजित विवाह समारोह में शामिल होने के लिए 7 दिनों की अंतरिम जमानत दी है। डॉक्टर खालिद करीब 4 साल से जेल में बंद हैं।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, दिल्ली की कड़कड़डूमा कोर्ट ने डॉक्टर उमर खालिद को 7 दिनों की अंतरिम जमानत दे दी है। जानकारी के मुताबिक, उमर खालिद ने अपने मौसेरे भाई और बहन की शादी में शामिल होने के लिए 10 दिनों की अंतरिम जमानत मांगी थी। हालांकि, कड़कड़डूमा कोर्ट ने उमर खालिद को 28 दिसंबर से 3 जनवरी तक 7 दिनों के लिए अंतरिम जमानत दी।
फरवरी 2020 में नागरिकता संशोधन कानून (CAA) और राष्ट्रीय नागरिक पंजी (NRC) के विरोध के दौरान उत्तर-पूर्वी दिल्ली में सांप्रदायिक हिंसा भड़क गई थी। जिसकी साजिश रचने के आरोप में पुलिस ने डॉक्टर खालिद को सितंबर 2020 में गिरफ्तार किया था।
पुलिस ने डॉक्टर उमर खालिद समेत कई अन्य लोगों को इस हिंसा का मास्टरमाइंड बताते हुए इनके खिलाफ यूएपीए (गैर-कानूनी गतिविधियां (रोकथाम कानून) और भारतीय दंड संहिता की अलग-अलग धाराओं के तहत एफआईआर (FIR) दर्ज की थी। उक्त दंगों में 53 लोग मारे गए थे और 700 से अधिक घायल हुए थे।
जेएनयू के पूर्व छात्र नेता डॉक्टर उमर खालिद को दिल्ली पुलिस ने दिल्ली दंगों में साजिश के सिलसिले का आरोपी बनाया है। उमर खालिद को अवैध गतिविधि रोकथाम अधिनियम (यूएपीए) तहत गिरफ्तार किया गया था। दिल्ली पुलिस ने उमर खालिद के खिलाफ हत्या, हत्या की कोशिश, दंगा, भीड़ जमा करना, राजद्रोह, आपराधिक साजिश समेत अन्य कई धाराओं में पूरक आरोप पत्र भी दाखिल किया है।
उत्तर-पूर्वी दिल्ली में 24 फरवरी 2020 को नागरिकता कानून में संशोधनों के समर्थकों और विरोधियों के बीच हिंसा के बाद सांप्रदायिक झड़पें शुरू हुई थीं। इसके बाद दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा और विशेष शाखा ने भी दंगे के पीछे कथित साजिश के मामले में उमर से पूछताछ की थी। पुलिस ने उसका मोबाइल फोन भी जब्त कर लिया था। उमर खालिद को 11 घंटे की पूछताछ के बाद गिरफ्तार कर लिया गया था। इससे पहले उमर खालिद की कई याचिकाएं नामंजूर हो चुकी हैं।