दिल्ली एमआईएम के अध्यक्ष कलीमुल हफ़ीज़ की मांग- गुस्ताख़ ए रसूल नूपुर शर्मा और नवीन जिंदल को यूएपीए के तहत केस दर्ज कर जेल भेजा जाए

नई दिल्ली: गुस्ताख़ ए रसूल भाजपा के लीडरान के ख़िलाफ़ पहले दिन से आवाज़ बुलंद करने वाले आल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन दिल्ली के अध्यक्ष कलीमुल हफ़ीज़ ने मीडिया को दिए गए अपने एक बयान में कहा कि 10 दिनों तक मुसलसल मांग करने और थाने में शिकायत दर्ज कराने के बावजूद सिर्फ़ भाजपा की जानिब से गुस्ताख़ ए रसूल नूपुर शर्मा और नवीन कुमार जिंदल के ख़िलाफ़ कार्रवाई की गयी है और उन्हें पार्टी से निकाला और बर्खास्त कर दिया गया लेकिन यह पर्याप्त नहीं है क्योंकि इनका अपराध बड़ा है.

उन्होंने कहा कि कानपुर का हादसा हो या सऊदी अरब, ईरान, क़तर, समेत दुनिया के 25 देश में हिंदुस्तान की मुख़ालफ़त हो, इसके लिए भाजपा की राष्ट्रीय प्रवक्ता रही नूपुर शर्मा और दिल्ली में भाजपा के मीडिया प्रभारी रहे नवीन कुमार जिंदल ज़िम्मेदार हैं. इनकी हरकतों की वजह से सिर्फ़ मुल्क की बदनामी ही नहीं हुयी बल्कि हमारा आर्थिक नुक़सान भी हुआ है और रिश्तों में भी खटास पैदा हुयी है.

उन्होंने कहा कि हमारे राजदूतों को क़तर से लेकर ईरान तक के देशों में तलब किया गया, शॉपिंग मॉल से सामान फेंके गए और इन देशों में रह रहे करोड़ों हिन्दुस्तानियों पर घर वापसी की तलवार लटक गयी.

इसलिए मैं इसको देश के साथ ग़द्दारी और ग़ैर क़ानूनी अमल मानता हूँ और मांग करता हूँ इन दोनों लीडरान के ख़िलाफ़ यूएपीए के तहत मुक़द्दमा दर्ज हो और इनको जेल भेजा जाए. उन्होंने कहा कि अगर गिरफ़्तारी नहीं हुई तो दिल्ली मजलिस जंतर-मंतर पर धरना प्रदर्शन करेगी.

कलीमुल हफ़ीज़ ने कहा कि दूसरी बात यह है कि पिछले 10 दिनों से हमारी मजलिस के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री बैरिस्टर असदुद्दीन ओवैसी और ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन ने ही आवाज़ उठाई है. पैगंबर ए इस्लाम का अपमान करने वालों के ख़िलाफ़ कानूनी कार्रवाई के लिए पुलिस थानों में शिकायतें दर्ज की गईं और तथाकथित विपक्षी और धर्मनिरपेक्ष दल मूकदर्शक बने रहे. चाहे अखिलेश यादव हों या मायावती, कांग्रेस हो या कोई और पार्टी, एक भी शब्द नहीं कहा कि बयान ग़लत दिया गया है लेकिन अब जबकि मजलिस की मुसलसल मांग की वजह से देश और दुनिया तक आवाज़ पहुंची है और भाजपा ने अपने लीडरान की ग़लती क़ुबूल करते हुए करवाई की है तो सबके मुंह में ज़बान आ गयी और सियासी फ़ायदा उठाने के लिए गिरफ़्तारी की मांग करने लगे.

इनकी हरकतों को मुल्क के लोग समझ रहे हैं. इसका जवाब ज़रूर मिलेगा. कलीमुल हफ़ीज़ ने कहा कि समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव ने कानपुर मामले में अपने मुस्लिम कार्यकर्ताओं का नाम आते ही उनका साथ छोड़ दिया जबकि उनको मालूम करना चाहिए था कि सही क्या है?

दिल्ली मजलिस के सदर ने इलज़ाम आयद किया है कि जब भी मुस्लिम लीडरान को ग़लत फंसाया जाता है तो नाम निहाद सेक्युलर पार्टियां इनको दूध में पड़ी मक्खी की तरह निकालकर फ़ेंक देती हैं. यही इनका असली चेहरा है जिसकी हम मज़म्मत करते हैं.

उन्होंने कहा कि हमारे सदर बैरिस्टर असदुद्दीन ओवैसी साहब का कहना है कि बेगुनाह मुस्लिम लीडर और कारकुन ख़्वाह किसी भी पार्टी में हों उनके साथ मजलिस खड़ी रहेगी और उनके लिए भी आवाज़ बुलंद करेगी जैसे आज़म ख़ान और अमानतुल्लाह खान के लिए मुश्किल वक़्त में आवाज़ बुलंद की.

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