शिमला: हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला में संजौली मस्जिद के कुछ हिस्सों को गिराने की प्रक्रिया आधिकारिक तौर पर शुरू हो गई है. 5 अक्टूबर को शिमला नगर निगम कोर्ट ने अवैध निर्माण का हवाला देते हुए मस्जिद की दूसरी, तीसरी और चौथी मंजिल को गिराने का आदेश दिया था.
अवैध तौर पर बने फ्लोर्स को गिराने की प्रक्रिया के दौरान कानून और व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए मस्जिद के आसपास भारी पुलिस बल तैनात किया गया है. संजौली मस्जिद कमेटी के अध्यक्ष मोहम्मद लतीफ ने कहा है कि मंजूरी मिलने के बाद ही मस्जिद की छत को तोड़ा जा रहा है. पूरे अवैध निर्माण को गिराने में दो से तीन महीने का समय लगेगा.
उन्होंने कहा कि अवैध निर्माण को ध्वस्त करने का फैसला इसलिए लिया गया है ताकि आपसी भाईचारा और सांप्रदायिक सौहार्द बना रहे. लतीफ ने बताया कि मस्जिद को गिराने की इजाजत सोमवार को दे दी गई थी और मस्जिद की छत हटाने का काम शुरू हो चुका है. अदालत ने संजौली मस्जिद समिति को अपने खर्च पर मस्जिद गिराने के लिए दो महीने का समय दिया है.
मस्जिद को लेकर विवाद पिछले कुछ सालों से चल रहा है. स्थानीय निवासियों ने इसे गिराने की मांग की थी और शिमला नगर निगम ने पहली बार 2011 में एक नोटिस जारी किया था. इन कार्रवाइयों के बावजूद, मस्जिद को 2018 तक बिना पर्याप्त मंज़ूरी के पांच मंज़िला इमारत में विस्तारित कर दिया गया.
हाल ही में, संजौली मस्जिद समिति ने वक्फ बोर्ड से, जो भूमि पर स्वामित्व का दावा करता है, विध्वंस की कार्यवाही आगे बढ़ाने की अनुमति मांगी थी. हालांकि बोर्ड ने पहले निर्माण को वैध बताया था, लेकिन वह इन दावों का समर्थन करने वाले दस्तावेज़ प्रस्तुत करने में नाकामयाब रहा.