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19 वर्षीय दिव्या देशमुख ने जीता फिडे महिला विश्व कप का खिताब.. कोनेरू हम्पी का हराया, बनी ग्रैंडमास्टर

भारत की 19 वर्षीय शतरंज प्लेयर दिव्या देशमुख ने जॉर्जिया के बटुमी में आयोजित फिडे महिला विश्व कप के फाइनल मुकाबले में भारत की नंबर-1 और मौजूदा विश्व रैपिड चैंपियन कोनेरू हम्पी को हराते हुए खिताब अपने नाम कर लिया. 

FIDE Women’s World Cup: भारत की 19 वर्षीय शतरंज प्लेयर दिव्या देशमुख (Divya Deshmukh) ने आज यानी कि सोमवार, 28 जुलाई को जॉर्जिया के बटुमी में आयोजित फिडे महिला विश्व कप के फाइनल मुकाबले में भारत की नंबर-1 और मौजूदा विश्व रैपिड चैंपियन कोनेरू हम्पी (Koneru Humpy) को हराते हुए खिताब अपने नाम कर लिया. दिव्या महिला विश्व कप जीतने के बाद ग्रैंडमास्टर बनने वाली भारत की चौथी महिला खिलाड़ी बन गई. वहीं वर्ल्ड चैंपियन बनने के साथ ही वे भारत की 88वीं ग्रैंडमास्टर भी बन गईं.

दिव्या ने टाईब्रेकर में विश्व रैपिड चैंपियन कोनेरू हम्पी को हराया

दिव्या देशमुख ने दो बार की विश्व रैपिड चैंपियन कोनेरू हम्पी को टाईब्रेकर में 2.5-1.5 से हराया. विश्वकप का मुकाबला जीतने के बाद वह काफी भावुक हो गई और अपनी मां को गले लगा लिया. महाराष्ट्र की रहने वाली दिव्या ने सेमीफाइनल मुकाबले में चीन की पूर्व विश्व चैंपियन तान झोंगयी को 1.5-0.5 से हराया.

जीत के बाद दिव्या ने क्या कहा?

जीत के बाद दिव्या ने कहा कि मुझे लगता है कि यह किस्मत की बात थी कि मुझे इस तरह ग्रैंडमास्टर का खिताब मिला. इस टूर्नामेंट से पहले मेरे पास एक भी नॉर्म नहीं था. मैं सोच रही थी कि शायद मैं यहां ग्रैंडमास्टर नॉर्म हासिल कर लूं और आखिरकार, मैं ग्रैंडमास्टर बन गई.

विमेंस कैंडिडेट्स टूर्नामेंट के लिए किया क्वालीफाई

फिडे महिला विश्व कप का खिताब जीतने के साथ ही दिव्या देशमुख ने विमेंस कैंडिडेट्स टूर्नामेंट के लिए क्वालीफाई कर लिया. इसके साथ ही वह विमेंस कैंडिडेट्स टूर्नामेंट क्वालीफाई करने वाली पहली भारतीय खिलाड़ी बन गई. कोनेरू हम्पी ने भी फाइनल में जगह बनाने के साथ कैंडिडेट्स टूर्नामेंट के लिए क्वालिफाई कर लिया.

43 लाख की विजेता राशि मिलेगी

फिडे महिला विश्व कप जीतने के बाद दिव्या देशमुख को 43 लाख रूपए मिलेंगे. वहीं उपविजेता रही कोनेरू हंपी को भारतीय मुद्रा में करीब 30 लाख रुपये मिलेंगे.

बता दें कि फिडे महिला विश्व कप में चार भारतीय महिला खिलाड़ियों कोनेरू हम्पी, हरिका द्रोणवल्ली, आर. वैशाली और दिव्या देशमुख ने ने क्वार्टर फाइनल में जगह बनाई थी.

कौन है दिव्या देशमुख?

दिव्या देशमुख का जन्म 2 दिसंबर, 2005 को महाराष्ट्र में हुआ है. दिव्या ने पांच साल की उम्र से चेस खेलना शुरू कर दिया था. दिव्या ने साल 2012 में 2012 में अंडर-7 आयु वर्ग की राष्ट्रीय चैंपियनशिप जीती.

दिव्या की उपलब्धियां

  • साल 2021 में भारत की 21वीं वीमेन ग्रैंडमास्टर बनीं
  • साल 2023 में दिव्या ने अंतर्राष्ट्रीय मास्टर का खिताब जीता
  • साल 2024 में शानदार प्रदर्शन करते हुए विश्व जूनियर गर्ल्स (अंडर-20) चैंपियनशिप जीती
  • 2025 में लंदन में विश्व टीम ब्लिट्ज चैंपियनशिप में विश्व की नंबर-1 खिलाड़ी हो वाइफान को मात दी

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