Homeधर्मDoes God Exist Debate: ईश्वर के अस्तित्व पर मुफ्ती शमाइल नदवी और...

Does God Exist Debate: ईश्वर के अस्तित्व पर मुफ्ती शमाइल नदवी और जावेद अख्तर में लंबी बहस… जानें क्या- क्या तर्क दिए?

दिल्ली में 'ईश्वर के अस्तित्व' पर हुई डिबेट के बाद छोटे- छोटे वीडियो क्लिप्स की बाठ आ गई है. कई लोगों का मानना है कि मुफ्ती शमाइल नदवी के तर्कों का जावेद अख्तर जवाब नहीं दे पाए.

Does God Exist Debate: ईश्वर के अस्तित्व को लेकर दिल्ली के कॉन्स्टीट्यूशन क्लब में मशहूर गीतकार, लेखक जावेद अख्तर (Javed Akhtar) और इस्लीमिक स्कॉलर मौलाना मुफ्ती शमाइल नदवी (Mufti Shamail Nadwi) के बीच एक डिबेट हुई. ये डिबेट सोशल मीडिया से लेकर हर जगह तक चर्चा के केंद्र बना हुआ है. डिबेट होने के बाद से सभी लोग इस डिबेट पर अपनी- अपनी राय दे रहे हैं. तो आईए जानते हैं कि मुफ्ती शमाइल नदवी और जावेद अख्तर ने ईश्वर के अस्तित्व पर क्या- क्या तर्क दिए.

दिल्ली में ईश्वर के अस्तित्वपर हुई डिबेट के बाद छोटे- छोटे वीडियो क्लिप्स की बाठ आ गई है. कई लोगों का मानना है कि मुफ्ती शमाइल नदवी के तर्कों का जावेद अख्तर जवाब नहीं दे पाए.

लेखक और गीतकार जावेद अख्तर ने ईश्वर के अस्तित्व पर सवाल उठाए तो वहीं मुफ्ती शमाइल नदवी ने ईश्वर के होने के पक्ष में अपनी बात रखी. दोनों के बीच कई पहलुओं पर लगभग दो घंटे की बहस हुई.

जावेद अख्तर ने क्या तर्क दिए?

जावेद अख्तर ने बहस के दौरान ईश्वर के अस्तित्व पर सवाल उठाते हुए कहा कि यदि हकीकत में ईश्वर सबसे सर्वशक्तिमान और दयालु है, तो दुनिया में बच्चों के दुख, अत्याचार और निर्दोष लोगों को पीड़ा क्यों हैं? उन्होंने गाजा का उदाहरण देते हुए कहा कि ईश्वर यहां के बच्चों की दुर्दशा क्यों नहीं रोक पा रहा है? जावेद अख्तर ने ये भी तर्क दिया किया कि अगर ईश्वर है तो उन्हें दिखाना चाहिए और अपने होने के सबूत देने चाहिए.

मुफ्ती शमाइल नदवी ने ये तर्क दिए

मुफ्ती शमाइल नदवी ने ये तर्क दिया कि भगवान ने बुराई इसलिए बनाई है ताकि हम अच्छाई को पहचान सकें. मुफ्ती शमाइल नदवी का कहना था कि दुनिया में जो कुछ भी होता है, वह ईश्वर की इच्छा से ही होता है. भगवान ने इंसानों को अपनी मर्जी से फैसले लेने की आजादी दी है, लेकिन फिर भी वही सर्वशक्तिमान हैं. उनके अनुसार, अल्लाह की अनुमति के बिना कुछ भी संभव नहीं है. जीवन देना और जीवन लेना, सब कुछ अल्लाह के तय किए गए योजना का ही हिस्सा है.

जावेद अख्तर को मुफ्ती शमाइल ने तर्क दिया कि यदि कोई घड़ी बिना बनाने वाले के नहीं बन सकती है. तो ये इतनी जटिल कायनात बिना किसी रचयिता के कैसे अस्तित्व में आ सकती है?

इस डिबेट के दौरान कई सारे शब्द चर्चा में रहे. मुफ्ती शमाइल नदवी ने बहस के दौरान दार्शनिक और धार्मिक संदर्भों से जुड़े कुछ ऐसे जटिल शब्दों का प्रयोग किया, जिनका अर्थ जावेद अख्तर भी तुरंत नहीं समझ पाए.

मुफ्ती शमाइल नदवी के तर्कों की तारीफ

मुफ्ती शमाइल नदवी ने ‘कॉन्टिंजेंसी’ (आकस्मिकता) का सिद्धांत पेश करते हुए तर्क दिया कि ब्रह्मांड की हर चीज किसी न किसी कारण पर निर्भर है, इसलिए एक ऐसी ‘अनिवार्य सत्ता’ (Necessary Being) का होना तार्किक रूप से आवश्यक है जो खुद किसी पर निर्भर न हो. ये शब्द (कॉन्टिंजेंसी) जावेद अख्तर भी नहीं समझ पाए. इस डिबेट के बाद ये शब्द और इसका सिद्धांत काफी चर्चाओं में हैं.

spot_img
1,716FansLike
6,134FollowersFollow
118FollowersFollow
18,200SubscribersSubscribe