भावनाओं के साथ मत खेलो, जमात रजा-ए-मुस्तफा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष सलमान मियां ने दी चेतावनी

बरेली (उत्तर प्रदेश): बरेली में प्रभावशाली दरगाह आला हजरत के जमात रजा-ए-मुस्तफा ने अजमेर दरगाह के बारे में झूठे दावे करके दंगा भड़काने की कोशिश के खिलाफ निहित स्वार्थों को चेतावनी दी है.

महाराणा प्रताप सेना नामक एक संगठन ने यह दावा करते हुए उत्तर प्रदेश में मुस्लिम धर्मगुरूओं के साथ एक विवाद को जन्म दिया है कि अजमेर शरीफ भगवान शिव को समर्पित एक मंदिर है.

जमात रजा-ए-मुस्तफा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष सलमान मियां ने रविवार को कहा कि दंगा भड़काने की साजिश रची जा रही है.

साथ ही उन्होंने कहा, अजमेर दरगाह लगभग 900 साल पुरानी है और इसके प्रति सभी धर्मों के लोगों को अकीदत है. सबसे दुखद बात यह है कि शरारती तत्वों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है, जिससे उन्हें और झूठे दावे करने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है. मुस्लिम भावनाओं को जानबूझकर आहत किया जा रहा है.

महाराणा प्रताप सेना ने दरगाह की एक तस्वीर साझा करते हुए दावा किया था कि दरगाह मूल रूप से एक शिव मंदिर था.

संगठन ने राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को एक पत्र भी भेजा था जिसमें भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण से जांच की मांग की गई थी. समूह के प्रमुख ने सार्वजनिक रूप से घोषणा की थी कि यदि सर्वेक्षण नहीं किया गया तो आंदोलन किया जाएगा.

ऐसे सभी दावों को खारिज करते हुए दरगाह अजमेर शरीफ के गद्दी नशीन और चिश्ती फाउंडेशन के अध्यक्ष हाजी सैयद सलमान चिश्ती ने कहा था कि अजमेर शरीफ किसी भी सांसारिक स्मारकों की तुलना से परे है.

—आईएएनएस

spot_img
1,707FansLike
254FollowersFollow
118FollowersFollow
14,600SubscribersSubscribe