नई दिल्ली: देशभर में रविवार 10 जुलाई को ईद उल-अज़हा बड़ी धूमधाम और जोश-ओ-ख़रोश के साथ मनाई गई. नमाज के बाद उलमा-ए-कराम ने आपसी भाईचारे पर जोर दिया और लोगों से देश की मौजूदा स्थिति में धैर्य रखने का आग्रह किया.
ईदगाह और मस्जिदों में हजारों लोगों ने एक साथ सज्दा किया और नमाज अदा कर अल्लाह का शुक्र अदा किया.
ईद उल-अज़हा की नमाज़ के बाद लोग एक दूसरे को मुबारकबाद देते नज़र आये और इसी के साथ क़ुर्बानी का अमल भी शुरू हुआ जो अब तक जारी है.
उलमा-ए-कराम ने क़ुर्बानी करने के साथ साथ, गरीबों, मिस्कीनों, बेवा, लाचारों और जिनके यहां क़ुर्बानी नहीं है उनको भी खुशियों में शामिल करने पर ज़ोर दिया और क़ुर्बानी का गोश्त देने का आग्रह किया.
इस दौरान उलमा-ए-कराम ने क़ुर्बानी करने के साथ साथ साफ़ सफाई पर भी ध्यान देने पर ज़ोर दिया और कहा कि इस्लाम में जहां क़ुर्बानी करना सुन्नत है तो वहीं सफाई आधा ईमान है, इसलिए मुसलमानों को चाहिए कि क़ुर्बानी के अवशेष इधर उधर न फेंकें ताकि किसी को तकलीफ न पहुंचे और आसपास के क्षेत्रों में गन्दगी और बदबू न फैले.
ईद-उल-अजहा के मौके पर राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और अन्य वरिष्ठ नेताओं और प्रमुख उलमा-ए-कराम ने ईद-उल-अजहा की बधाई दी है.

