Ethiopia Volcanic Eruption: इथियोपिया का हेली गुब्बी ज्वालामुखी लगभग 12,000 साल बाद रविवार को फट गया, जिसका असर भारत तक में देखा जा रहा है. हेली गुब्बी ज्वालामुखी में विस्फोट के बाद उठी राख और सल्फर डाइऑक्साइड करीब 15 किलोमीटर तक की उंचाई में पहुंचने के बाद लाल सागर को पार करते हुए यमन और ओमान तक फैल गई. इसके बाद बीते कल यानी कि सोमवार की रात लगभग 11 बजे तक यह राख इथियोपिया से 4,300 किलोमीटर दूर भारत के राजस्थान, गुजरात, महाराष्ट्र, दिल्ली-एनसीआर और पंजाब तक पहुंच गई. भारत में इस ज्वालामुखी के फटने का असर होने के बाद DGCA ने कई उड़ानों को रद्द करने और रूट बदलने का निर्देश दिया.
IMD ने क्या कहा?
इंडिया मेटियोरोलॉजिकल डिपार्टमेंट (IMD) ने बताया कि इथियोपिया के हेली गुब्बी ज्वालामुखी से ज्वालामुखी की राख का गुबार 100-150 kmph की स्पीड से पूर्वी भारत की ओर बढ़ रहा है. IMD के मेटियोरोलॉजी के डायरेक्टर जनरल, मृत्युंजय महापात्रा ने कहा कि इलाके में एयर क्वालिटी और एविएशन सेफ्टी पर किसी भी संभावित असर का अंदाजा लगाने के लिए गुबार की तेज रफ्तार पर करीब से नजर रखी जा रही है.
हालांकि IMD ने ये भी बताया कि आज यानी कि मंगलवार, 25 नवंबर की शाम तक हेली गुब्बी ज्वालामुखी की राख भारत से निकलते हुए चीन की ओर चले जाएंगे.
कहां स्थित है हेली गुब्बी ज्वालामुखी?
बता दें कि इथियोपिया की राजधानी अदीस अबाबा से लगभग 800 km उत्तर-पूर्व में अफार इलाके में मौजूद हेली गुब्बी ज्वालामुखी लगभग 12,000 साल तक शांत रहा. और इसके बाद रविवार को यह कई घंटों तक फटता रहा और पास के गांव अफदेरा को राख से ढक दिया.
एक्सपर्ट्स ने इस घटना को बहुत ही असामान्य बताया, और कहा कि इस इलाके की ज्वालामुखी गतिविधि पर “कम स्टडी” की गई थी.

