बहराइच: उत्तर प्रदेश के जिला बहराइच के नानपारा कोतवाली पुलिस ने “सर तन से जुदा” जैसे नारे लगाने के लिए 1000 नामालूम मुसलमानों के खिलाफ एफआईआर (FIR) दर्ज की गई है. इससे पहले ‘इंस्टाग्राम’ पर दो समुदायों के बच्चों के बीच उनके धर्मों को लेकर आपत्तिजनक बातचीत के ‘स्क्रीनशॉट’ सार्वजनिक हुए थे. इसके बाद मु्स्लिम समुदाय के लोगों ने “सर तन से जुदा” जैसे भड़काऊ नारेबाजी की थी, ऐसा आरोप है. पुलिस ने दहशत फैलाने को लेकर एफआईआर दर्ज की हैं. पुलिस ने शुक्रवार को यह जानकारी दी.
1000 मुसलमानों के खिलाफ एफआईआर दर्ज
पुलिस के मुताबिक नानपारा कोतवाली इलाके के नानपारा कस्बे में 7 अक्टूबर की शाम यह घटना घटी थी. पुलिस ने शुक्रवार को बताया कि मुल्जिम नाबालिग बच्चे की फोटो ‘स्टेटस’ पर लगाकर उत्तेजना फैलाने वाले शोएब नामक एक शख्स को पुलिस ने शांति भंग की धाराओं में गिरफ्तार कर विधिक प्रक्रिया के तहत जेल भेज दिया है. नानपारा के पुलिस क्षेत्राधिकारी (सीओ) प्रद्युम्न सिंह ने बताया कि 7 तारीख की घटना को लेकर आठ अक्टूबर को राजा बाजार के चौकी प्रभारी की तहरीर पर कोतवाली नानपारा थाने में मुस्लिम सम्प्रदाय के एक हजार लोगों (नाम-पता अज्ञात) के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता की धाराओं के तहत एफआईआर दर्ज की गई हैं.
मुसलमानों ने की भड़काऊ नारेबाजी
पुलिस ने बताया कि एफआईआर (FIR) में कहा गया है कि “7 अक्टूबर की शाम इंस्टाग्राम पर दो बच्चों के बीच उनके धर्मों पर विवादित बयानबाजी को लेकर मुकदमा लिखने की कार्यवाही की जा रही थी. फिर भी मुस्लिम सम्प्रदाय उन्माद फैलाने के उद्देश्य से नानपारा में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र चौराहे के 5000 की संख्या में जमा हो गए, जिससे आने जाने का रास्ता पूरी तरह से बंद हो गया. पुलिस के मुताबिक मुस्लिम समुदाय के लोगों की तरफ से ‘सर तन से जुदा’ जैसा सांप्रदायिक नारे लगाए गए. कई घंटे तक करीब एक हजार लोग नारेबाजी करते रहे.
प्रशासन के खिलाफ बयानबाजी
ऐसा आरोप है कि जब पुलिस सड़क खाली कराने गई तो उन्हें भी रोका गया, धमकी दी गई और प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की गई. CO ने बताया कि 1000 लोगों के खिलाफ दर्ज इस मामले में अभी तक कोई गिरफ्तारी नहीं की गई है. बहराइच जिले के नानपारा कस्बे में नौंवी कक्षा में एक साथ पढ़ने वाले दो समुदायों के बच्चों के बीच उनके धर्मों को लेकर आपत्तिजनक बातचीत के स्क्रीनशॉट ‘इंस्टाग्राम’ पर सार्वजनिक होने के बाद तनाव फैल गया था, जिसके बाद एक नाबालिग के खिलाफ एफआईआर (FIR) दर्ज कर उसे हिरासत में लेकर बालकों के सम्प्रेषण गृह भेजा गया था.