अफ्रीकी देश नाइजीरिया में भारी बारिश के बाद बाढ़ ने तबाही मचा दी है. इस साल बाढ़ की चपेट में आने से अब तक 321 लोगों की मौत हो गई है. वहीं, 740,000 से ज्यादा लोगों को बाढ़ की वजह से अपने घरों को छोड़ कर दूसरी सुरक्षित जगहों पर विस्थापित होना पड़ा है. देश के ज्यादातर हिस्सों में बाढ़ की स्थिति भयावह है. नाइजीरिया में पानी का स्तर लगातार बढ़ रहा है.
समाचार एजेंसी सिन्हुआ के मुताबिक, देश के दक्षिण-पूर्वी राज्य अनाम्ब्रा के गवर्नर चुक्वुमा सोलुडो ने वाइस प्रेसिडेंट काशिम शेट्टीमा की अगुआई में आयोजित मासिक नेशवल इकॉनमिक काउंसिल की बैठक में हिस्सा लिया. उन्होंने इस बैठक के बाद बताया कि देश में हुई मौत और विस्थापन के अलावा देश में लंबे वक्त से हो रही बारिश के कारण आई बाढ़ में करीब 2,854 लोग घायल भी हुए हैं.
सोलुडो ने इकॉनमिक काउंसिल की बैठक में हुई बातचीत के हवाले से बताया, “देश बाढ़ की वजह से नेशनल इमरजेंसी का सामना कर रहा है और अब तक की रिपोर्ट में इसे एक बड़ी राष्ट्रीय आपदा बताया गया है.” उन्होंने आगे कहा कि देश में बारिश की वजह से बड़े पैमाने पर विस्थापन, जान-माल की हानि, और घरों को नुकसान हुआ है.
उन्होंने आगे कहा कि नाइजीरिया में खराब हुए हालातों का आलम यह है कि मुल्क के 36 में से 34 राज्यों में बाढ़ आई हुई है. बाढ़ की वजह से 774 लोकल सरकार क्षेत्रों (एलजीए) में से 217 प्रभावित हुए हैं. विनाशकारी बाढ़ ने कम से कम 740,743 लोगों को अपने घर छोड़ने पर मजबूर होना पड़ा है. इतना ही नहीं इसकी वजह से 281,000 घरों और 258,000 उपजाउ जमीनें भी नष्ट या प्रभावित हुई हैं.
देश में इस वक्त राष्ट्रीय आपदा जैसा माहौल है. इसकी वजह से इकॉनमिक काउंसिल, जिसमें वैधानिक रूप से वाइस प्रेसिडेंट और सभी 36 राज्यों के एलजी शामिल हैं. बैठक में बाढ़ के विनाशकारी प्रभाव को कम करने के लिए स्थानीय जलमार्गों और बांधों की स्थिति की व्यापक समीक्षा करने का निर्देश दिया है.
सोलुडो ने अपने बयान में आगे कहा, “इस मीटिंग में देश के भीतर जलमार्गों की सफाई के लिए बड़े पैमाने पर कार्यक्रम की जरूरत पर गंभीरता से जोर दिया गया है. काउंसिल ने उन राज्यपालों से भी आग्रह किया, जिन्होंने अपने राज्यों की बाढ़ की स्थिति और मैनेजमेट पर अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत नहीं की है. उन्हें तुरंत रिपोर्ट देने को कहा गया है.”