Former CEC S Y Quraishi On Nishikant Dubey: वक़्फ़ संशोधन एक्ट के खिलाफ देशभर में माहौल गर्म है. मुस्लिम समुदाय और विपक्षी दलें इस कानून का पुरजोर विरोध कर रही है. साथ ही कहा सुनी और आरोप- प्रत्यारोप का दौर भी जमकर जारी है. इसी बीच पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त (CEC) डॉ. एस. वाई. कुरैशी ने बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे के ‘आप चुनाव आयुक्त नहीं, मुस्लिम आयुक्त थे’ विवादित बयान पर जोरदार हमला बोला है.
एस. वाई. कुरैशी ने बीजेपी सांसद को दिया करारा जवाब
डॉ. एस. वाई. कुरैशी ने कहा कि वह (निशिकांत दुबे) ऐसे भारत के विचार में विश्वास करते हैं जहां एक व्यक्ति को उसके योगदान से परिभाषित किया जाता है. एस. वाई. कुरैशी ने आगे जोर देकर कहा कि कुछ लोगों के लिए, धार्मिक पहचान उनकी घृणास्पद राजनीति को आगे बढ़ाने का मुख्य साधन है.
‘पूरी क्षमता के साथ चुनाव आयुक्त के संवैधानिक पद पर काम किया’
पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त डॉ. एस. वाई. कुरैशी ने सांसद निशिकांत दुबे के बयान का जवाब देते हुए आगे कहा कहा कि भारत हमेशा अपने संवैधानिक संस्थानों और सिद्धांतों के लिए खड़ा रहा है और लड़ता रहेगा. उन्होंने कहा कि मैंने अपनी पूरी क्षमता के साथ चुनाव आयुक्त के संवैधानिक पद पर काम किया और आईएएस में मेरा लंबा और संतुष्टिदायक करियर रहा. मैं ऐसे भारत के विचार में विश्वास करता हूं जहां एक व्यक्ति को उसकी प्रतिभा और योगदान से परिभाषित किया जाता है न कि उसकी धार्मिक पहचान से.
क्या है पूरा मामला, क्यों शुरु हुई बहस?
दरअसल, डॉ. एस. वाई. कुरैशी ने बीते 17 अप्रैल को वक़्फ़ संशोधन एक्ट को लेकर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट लिखा था. जहां उन्होंने आरोप लगाया था, “वक़्फ़ अधिनियम निस्संदेह मुस्लिमों की भूमि हड़पने के लिए सरकार की एक भयावह योजना है. मुझे यकीन है कि सुप्रीम कोर्ट इस पर सवाल उठाएगा. दुष्प्रचार मशीनरी ने गलत सूचना फैलाने का अपना काम बखूबी किया है.”
‘आप चुनाव आयुक्त नहीं, मुस्लिम आयुक्त थे’
डॉ. एस. वाई. कुरैशी के इस आरोप ने झारखंड के गोड्डा से बीजेपी के सांसद निशिकांत दुबे ने विवादित बयान दते हुए कहा कि आप चुनाव आयुक्त नहीं, मुस्लिम आयुक्त थे, झारखंड के संथालपरगना में बांग्लादेशी घुसपैठिया को वोटर सबसे ज़्यादा आपके कार्यकाल में ही बनाया गया.
निशिकांत दुबे ने आगे कहा कि पैगंबर मुहम्मद साहब का इस्लाम भारत में 712 में आया,उसके पहले तो यह ज़मीन हिंदुओं की या उस आस्था से जुड़ी आदिवासी,जैन या बौद्ध धर्मावलंबी की थी. मेरे गांव विक्रमशिला को बख्तियार ख़िलजी ने 1189 में जलाया,विक्रमशिला विश्वविद्यालय ने दुनिया को पहला कुलपति दिया अतिश दीपांकर के तौर पर. इस देश को जोड़ो,इतिहास पढ़ो,तोड़ने से पाकिस्तान बना,अब बँटवारा नहीं होगा?
बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे के इस विवादित बयान के बाद उनकी खूब अलोचना हो रही है.