कर्नाटक के शिवमोग्गा जिले के पब्लिक स्कूल में हाई स्कूल (एसएसएलसी) की प्रारंभिक परीक्षा के दौरान कई मुस्लिम छात्राएं हिजाब पहनकर परीक्षा देने आई थीं. स्कूल स्टाफ ने उन्हें अनुमति नहीं दी और हिजाब उतारकर परीक्षा में शामिल होने की सलाह दी. हालांकि छात्रा नहीं मानी. उन्होंने परीक्षा का बहिष्कार किया और घर चली गईं. वहीं, बेलगावी और कलबुर्गी जिले में शिक्षकों ने छात्राओं से हिजाब उतारने को कहा लेकिन वहां भी छात्राओं ने परीक्षा का बहिष्कार किया.
कर्नाटक के शिवमोग्गा शहर के कर्नाटक पब्लिक स्कूल की एक छात्रा हिना कौसर ने न्यूज एजेंसी एएनआई से बात करते हुए बताया कि ‘मुझे स्कूल में प्रवेश करने से पहले हिजाब हटाने के लिए कहा गया. मैं ऐसा नहीं कर सकती, इसलिए मैंने परीक्षा में शामिल नहीं होने का फैसला किया.’
वहीं, कर्नाटक में एक अभिभावक जिसकी बेटी उडुपी के पकिरनगर के सरकारी उर्दू स्कूल की छात्रा है, मीडिया से बात करते हुए कहा कि, ‘स्कूल में हिजाब पर प्रतिबंध के बाद मैं उसे स्कूल नहीं भेज रही हूं. अब तक, हमारे परिवार के कई लोग हिजाब पहनकर इस स्कूल में पढ़ चुकी हैं. अचानक से नियमों में बदलाव क्यों किया जा रहा है?’
कर्नाटक के उडुपी जिला के तहसीलदार कापू तालुक ने मीडिया को बताया कि ‘अभिभावकों और शिक्षकों के बीच बैठक चल रही है. छात्रों (सरकारी उर्दू स्कूल, पकिरनगर के) को अलग कमरे में बैठाने के लिए कोई विकल्प नहीं बनाया गया है.
बता दें कि कर्नाटक में हाईस्कूल सोमवार को फिर से खुल गए हैं. उडुपी जिले में भी हाई स्कूल खोल दिए गए हैं. लेकिन हिजाब पहनकर स्कूल परिसर पहुंची मुस्लिम छात्राओं से स्कूल में प्रवेश से पहले हिजाब उतरवाए गए. स्कूलों में परीक्षाएं भी चल रही हैं. हिजाब को लेकर कर्नाटक हाईकोर्ट में सुनवाई हो रही है. कोर्ट ने अपने अंतरिम आदेश में सभी छात्रों को भगवा शॉल, स्कार्फ, हिजाब और किसी भी धार्मिक ध्वज को कक्षा के भीतर पहनने पर रोक लगा दी थी.
उधर कर्नाटक सरकार ने सोमवार को फैसला किया कि हिजाब विवाद की वजह से बंद प्री-यूनिवर्सिटी कक्षाएं और डिग्री कॉलेज 16 फरवरी से दोबारा खोले जाएंगे. यह फैसला मुख्यमंत्री बसावराज बोम्मई की अध्यक्षता में हुई बैठक में लिया गया, जिसमें राज्य के गृहमंत्री अरागा ज्ञानेंद्र, प्राथमिक और माध्यमिक शिक्षा मंत्री बीसी नागेश, उच्च शिक्षामंत्री सीएन अश्वथ नारायण और सरकार के वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए. नागेश ने कहा कि बैठक में राज्य की मौजूदा स्थिति की समीक्षा की गई. बैठक में बुधवार से प्री-यूनिवर्सिटी कक्षाओं और डिग्री महाविद्यालयों को खोलने का फैसला किया गया.
बैठक के बाद मीडिया से नागेश ने कहा कि महाविद्यालयों को कर्नाटक हाईकोर्ट के अंतरिम आदेश के तहत खोला जाएगा. उन्होंने कहा कि जिन कॉलेजों में यूनिफॉर्म संबंधी नियम होंगे, वहां उनका कड़ाई से अनुपालन किया जाएगा. जहां पर यूनिफॉर्म नहीं हैं, वहां के लिए ड्रेस कोड तय किया जाएगा. हम हाईकोर्ट के आदेश का कड़ाई से अनुपालन करेंगे.
बता दें कि कर्नाटक के विभिन्न हिस्सों में हिजाब को लेकर हुए प्रदर्शन और कुछ स्थानों पर हिंसा भंड़कने के बाद राज्य सरकार ने 9 फरवरी को 3 दिन के लिए कक्षाएं बंद कर दी थीं जिसे बाद में 16 फरवरी तक के लिए बढ़ा दिया गया था.