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हिंदुत्व ग्रुप ने हैदराबाद की 400 साल पुरानी मस्जिद के बाहर किया प्रदर्शन.. परिसर में चल रहे मदरसे को बंद करने की मांग

मदरसा के इंचार्ज अकबर खान ने हिंदूवादी नेताओं के तमाम आरोपों को खारिज कर दिया. अकबर खान ने कहा कि बीजेपी झूठा दावा कर रही है कि मदरसा गैरकानूनी है और यह भी गलत आरोप लगा रही है कि वहां बाहर के इलाके के छात्रों को पढ़ाया जा रहा है.

Hyderabad: हैदराबाद के बालापुर इलाके में हिंदू दक्षिणपंथी कार्यकर्ताओं ने मदरसा नोमानिया के बाहर विरोध प्रदर्शन किया. यह मदरसा करीब 400 साल पुरानी कुतुबशाही मस्जिद-ए-हुसैनी (Qutubsahi Masjid-e-Hussaini) के अंदर चल रहा है. प्रदर्शनकारियों ने आरोप लगाया कि यह मदरसा गैरकानूनी तरीके से चलाया जा रहा है और इसे बंद करने की मांग की.

बीजेपी नेता रामकृष्ण रेड्डी के नेतृत्व में प्रदर्शन

बता दें कि मदरसा बंद करने के लिए विरोध प्रदर्शन बीजेपी नेता रामकृष्ण रेड्डी के नेतृत्व में किया गया. रिपोर्टों के मुताबिक, यह मदरसा पिछले सात सालों से मस्जिद के परिसर में चल रहा है. इस विरोध प्रदर्शन का वीडियो भी सामने आया है, जहां दक्षिणपंथी कार्यकर्ता प्रदर्शन करते हुए जय श्री राम” और हिंदूत्व के नारे लगाते हुए नजर आ रहे हैं.

रामकृष्ण रेड्डी ने मीडिया से बात करते हुए आरोप लगाया कि मदरसे में रोहिंग्या रह रहे हैं, जो इस इलाके के नहीं हैं, और इसके चलते स्थानीय हिंदू लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.

मदरसा इंचार्ज अकबर खान ने आरोपों को किया खारिज

हालांकि, मदरसे के इंचार्ज अकबर खान ने हिंदूवादी नेताओं के तमाम आरोपों को खारिज कर दिया. अकबर खान ने कहा कि बीजेपी झूठा दावा कर रही है कि मदरसा गैरकानूनी है और यह भी गलत आरोप लगा रही है कि वहां बाहर के इलाके के छात्रों को पढ़ाया जा रहा है. उन्होंने साफ किया कि सभी छात्र तेलंगाना से ही हैं. साथ ही बताया कि यह विवाद पिछले छह महीनों से चल रहा है.

मजलिस बचाओ तहरीक के प्रवक्ता ने क्या कहा?

वहीं हिंदूवादी लोगों के विरोध प्रदर्शन पर मजलिस बचाओ तहरीक (MBT) के प्रवक्ता अमजद उल्लाह खान ने कहा कि बीजेपी नेता रामकृष्ण रेड्डी के नेतृत्व में कुछ असामाजिक तत्वों के एक समूह ने बालापुर थाना क्षेत्र के सुल्तानपुर में 400 साल पुरानी कुतुबशाही मस्जिद-ए-हुसैनी के सामने धरना दिया और मदरसा नोमानिया को बंद करने की मांग की.

यह बहुत अफसोस की बात है कि जब यह धरना हो रहा था और वहां मुस्लिम विरोधी नारे लगाए जा रहे थे, तब बालापुर पुलिस खामोश देखती रही.

‘क्या तेलंगाना अब सॉफ्ट हिंदुत्व की राह पर जा रहा है?’

उन्होंने आगे कहा कि सवाल यह है कि पुलिस ने उन लोगों को हिरासत में क्यों नहीं लिया? अब तक न तो कोई FIR दर्ज की गई है और न ही किसी की गिरफ्तारी हुई है. सोचिए, अगर यही काम किसी मुस्लिम नेता ने किया होता तो पुलिस का रवैया क्या होता? क्या तेलंगाना अब ‘सॉफ्ट हिंदुत्व’ की राह पर जा रहा है?

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