नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने गैर-कानूनी गतिविधियों में संलिप्त पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) पर पांच साल के लिए बैन लगा दिया है। केंद्रीय गृह मंत्रालय की तरफ से जारी गजट नोटिफिकेशन में पीएफआई को गैर-कानूनी संस्था घोषित कर दिया गया है।
पीएफआई के अलावा उसके सहयोगी संगठन रिहैब इंडिया फाउंडेशन, कैंपस फ्रंट ऑफ इंडिया, ऑल इंडिया इमाम काउंसिल, नेशनल कॉन्फेडरेशन ऑफ ूमन राइट्स ऑर्गनाइजेशन, नेशनल विमेन फ्रंट, जूनियर फ्रंट, एम्पावर इंडिया फाउंडेशन और रिहैब फाउंडेशन (केरल) पर भी प्रतिबंध लगाया गया है।
गृह मंत्रालय के नोटिफिकेशन में बताया गया है कि इस संगठन का एकमात्र उद्देश्य इसकी सदस्यता, प्रभाव और फंड जुटाने की क्षमता बढ़ाना है। नोटिफिकेशन में ये भी बताया गया है कि पीएफआई और इसके सहयोगी संगठन या या अग्रणी संगठन सार्वजनिक तौर पर एक सामाजिक-आर्थिक और राजनैतिक संगठन के रूप में कार्य करते हैं। हालांकि, ये गुप्त एजेंडे के तहत समाज के एक वर्ग विशेष को कट्टर बनाकर लोकतंत्र की अवधारणा को कमजोर करने की दिशा में कार्य करते हैं तथा देश के संवैधानिक प्राधिकार और संवैधानिक ढांचे के प्रति घोर अनादर दिखाते हैं।
PFI & its associates incl Rehab India Foundation(RIF), Campus Front of India(CFI), All India Imams Council(AIIC), National Confederation of Human Rights Org(NCHRO), National Women’s Front, Jr Front, Empower India Foundation &Rehab Foundation, Kerala declared unlawful associations
— ANI (@ANI) September 28, 2022
केंद्र सरकार ने कहा कि पीएफआई और इसके सहयोगी संगठन या गैर-कानूनी गतिविधियों में संलिप्त हैं, जो देश की अखंडता, संप्रभुता और सुरक्षा के खिलाफ है। इससे शांति और सांप्रदायिक सद्भाव का माहौल खराब होने और देश में उग्रवाद को प्रोत्साहन मिलने की आशंका है।
पीएफआई के संस्थापक सदस्य स्टूडेंट्स इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया यानी सिमी के नेता रहे हैं और पीएफआई का संबंध जमात-उल-मुजाहिद्दीन यानी जेएमबी से भी रहा है। ये दोनों संगठन प्रतिबंधित हैं। पीएफआई के वैश्विक आतंकवादी समूहों, जैसे इस्लामिक स्टेट ऑफ इराक एंड सीरिया यानी आईसआईएस के साथ अंतर्राष्ट्रीय संपर्क के कई उदाहरण हैं।
गौरतलब है कि पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया 22 नवंबर 2006 को तीन मुस्लिम संगठनों के मिलने से बना था। इनमें केरल का नेशनल डेमोक्रेटिक फ्रंट, कर्नाटक फोरम फॉर डिग्निटी और तमिलनाडु का मनिता नीति पसरई शामिल थे। पीएफआई खुद को गैर-लाभकारी संगठन बताता है। हालांकि पीएफआई में कितने सदस्य हैं, इसकी जानकारी संगठन नहीं देता है।
(इनपुट आईएएनएस)