हुबली: अभियोजन पक्ष की दलीलों को ध्यान में रखते हुए कर्नाटक के हुबली के चौथे जेएमएफसी कोर्ट ने हुबली हिंसा के सिलसिले में गिरफ्तार किए गए 154 लोगों की न्यायिक हिरासत 13 मई तक बढ़ा दी है.
सोशल मीडिया पर एक आपत्तिजनक पोस्ट सामने आने के बाद हुबली में बड़े पैमाने पर सांप्रदायिक हिंसा हुई थी. इस सिलसिले में एआईएमआईएम के कॉर्पोरेटर सहित 154 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया था.
एक समुदाय विशेष की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने वाली आपत्तिजनक पोस्ट डालने वाले युवक को भी पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. उसे कड़ी पुलिस सुरक्षा के बीच द्वितीय पीयूसी (कक्षा 12) की परीक्षा में शामिल होने की अनुमति दी गई है.
गिरफ्तार लोगों में 103 लोगों को कलबुर्गी जेल, 17 को बेल्लारी और 10 को मैसूरी जेल में रखा गया है. अन्य धारवाड़ और हुबली उप-जेलों में बंद हैं.
20 लोगों ने जमानत याचिकाएं दाखिल की हैं और पुलिस उन पर आपत्ति दर्ज करा रही है.
बड़े पैमाने पर हिंसा के बाद 16 अप्रैल को हुबली में कर्फ्यू लगा दिया गया था. मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने कहा कि थाने पर साजिश और योजनाबद्ध हमले को बहुत गंभीरता से लिया गया है. इसमें शामिल लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी. उन्होंने कहा कि घटना के पीछे संगठनों और व्यक्तियों को बख्शा नहीं जाएगा.
ओल्ड हुबली थाने के पास हजारों की संख्या में जमा हुई हिंसक भीड़ ने सार्वजनिक और पुलिस की संपत्ति को नुकसान पहुंचाया था. पथराव में 12 पुलिसकर्मी घायल हो गए थे.
—आईएएनएस