पणजी: आईएफएफआई (International Film Festival of India) के ज्यूरी प्रमुख नादव लापिड ने महोत्सव के समापन समारोह के दौरान फिल्म द कश्मीर फाइल्स को अश्लील और अनुचित करार दिया और कहा कि महोत्सव की भावना को निश्चित रूप से स्वीकार किया जाना चाहिए। आलोचनात्मक चर्चा भी होनी चाहिए, जो कला और जीवन के लिए जरूरी है।
इससे पहले सोमवार को लैपिड ने कहा था कि इस फिल्म को लेकर आईएफएफआई परेशान है।
जूरी के अनुभव को साझा करते हुए उन्होंने कहा कि उनमें से 14 (अंतर्राष्ट्रीय फिल्मों) में सिनेमाई गुणवत्ता थी।
लैपिड ने कहा, हम सभी 15वीं फिल्म द कश्मीर फाइल्स से परेशान और स्तब्ध थे। यह हमें एक प्रचार, अश्लील फिल्म की तरह लगा, जो इतने प्रतिष्ठित फिल्म समारोह के कलात्मक प्रतिस्पर्धी वर्ग के लिए अनुपयुक्त है।
Chair of the Jury of Goa Film Festival says that the Jury felt that Kashmir Files was a vulgar propaganda film, inappropriate for the film festival pic.twitter.com/FKTF93ZlRY
— Prashant Bhushan (@pbhushan1) November 28, 2022
उन्होंने कहा, इस मंच पर आपके साथ इन भावनाओं को खुलकर साझा करने में मैं पूरी तरह से सहज महसूस कर रहा हूं। चूंकि, महोत्सव की भावना निश्चित रूप से एक महत्वपूर्ण चर्चा को भी स्वीकार कर सकती है, जो कला और जीवन के लिए आवश्यक है।
बता दें कि ‘द कश्मीर फाइल्स’ फिल्म की वजह से पूरे देश में मुसलमानों के खिलाफ हिंसा, नफरत बढ़ गई थी। बहुत से जगहों पर मुसलमानों पर हमले भी हुए और बहुत से जगहों पर मुसलमानों के सामान खरीदने को लेकर बहिष्कार भी किया गया।
(आईएएनएस से इनपुट के साथ)