नई दिल्ली: जमाअत इस्लामी हिन्द के उपाध्यक्ष प्रोफेसर सलीम इंजीनियर ने मणिपुर में जारी हिंसा पर गहरी चिंता व्यक्त की है। मीडिया को जारी एक बयान में उन्होंने कहा, “मणिपुर में अशांति जारी है, जिसके परिणामस्वरूप आम लोगों को भारी कष्ट उठाना पड़ रहा है और राज्य में शांति के लिए बड़ा खतरा पैदा हो गया है। सरकार राज्य को अपनी चपेट में लेने वाले हिंसा के इस चक्र को समाप्त करने के लिए तत्काल कार्रवाई करे। हम सभी पीड़ितों – मैतेई, कुकी और अन्य के साथ एकजुटता से खड़े हैं तथा अपनी गहरी संवेदना व्यक्त करते हैं। राज्य और केंद्र सरकार की उदासीनता अत्यंत चिंताजनक है, तथा मणिपुर के प्रति उनकी उदासीनता तथा हिंसा को समाप्त करने और सामान्य स्थिति बहाल करने में उनकी विफलता पूरी तरह अन्यायपूर्ण है।”
प्रोफेसर सलीम इंजीनियर ने कहा, “हम मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह की बर्खास्तगी की मांग कर करते हैं जिन्होंने नागरिकों के जीवन और संपत्ति की सुरक्षा के लिए अपने संवैधानिक कर्तव्यों का त्याग किया है। लगभग डेढ़ साल से चल रही यह हिंसा सवाल खड़े करती है कि सरकार या प्रशासन के कुछ अधिकारी इस संघर्ष का समर्थन करके और त्रासदी को लम्बा खींचकर अपने हितों की पूर्ति कर रहे हैं? राहत शिविरों में लोगों की हालत दयनीय है। विस्थापितों के लिए बेहतर सुविधाएं उपलब्ध कराकर इन शिविरों को समाप्त किया जाना चाहिए। घायलों को उचित मुआवजा मिलना चाहिए, साथ ही मृतकों के परिवारों के लिए सार्थक समाधान भी होने चाहिए। अति प्रभावित लोगों के दर्द को कम करने के लिए ये कदम ज़रूरी हैं।”
जमाअत इस्लामी हिन्द के उपाध्यक्ष ने कहा, “हम मणिपुर के पंगल मुस्लिम समुदाय के शांति प्रयासों और सभी मैतेई और कुकी पीड़ितों के समर्थन में सक्रिय कार्य के लिए उनकी पहल की भी सराहना करते हैं। इन चुनौतीपूर्ण दिनों में उनका कार्य आशा और एकजुटता का प्रतीक है। जमाअत-ए-इस्लामी हिंद सभी से संयम बरतने और हिंसा के बजाय बातचीत और चर्चा के माध्यम से मुद्दों को हल करने का आग्रह करती है। शांति, सद्भाव और आपसी सम्मान ही स्थायी समाधान पाने के तरीके हैं।”