Homeदेशभारत सरकार ने सैकड़ों मुसलमानों को जबरन बांग्लादेश भेजा- HRW रिपोर्ट

भारत सरकार ने सैकड़ों मुसलमानों को जबरन बांग्लादेश भेजा- HRW रिपोर्ट

HRW ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि भारत सरकार ने निष्कासित लोगों की संख्या पर कोई आधिकारिक आंकड़ा उपलब्ध नहीं कराया है. हालांकि बांग्लादेश बॉर्डर गार्ड्स ने बताया कि भारत ने 7 मई से 15 जून के बीच 1,500 से ज्यादा मुसलमानों को बांग्लादेश भेजा है.

Human Rights Watch Report: ह्यूमन राइट्स वॉच (HRW) ने अवैध बांग्लादेशी बोलकर भारत सरकार द्वारा जबरन बांग्लादेश भेजे जाने वाले लोगों की एक रिपोर्ट जारी की है. इस रिपोर्ट में ह्यूमन राइट्स वॉच ने दावा किया कि भारतीय अधिकारियों ने हाल के हफ्तों में सैकड़ों बंगाली मुसलमानों को बिना किसी उचित प्रक्रिया के बांग्लादेश भेज दिया और दावा किया कि वे “अवैध प्रवासी” हैं. जबकि इनमें से कई बांग्लादेश की सीमा से लगे राज्यों के भारतीय नागरिक हैं.

ह्यूमन राइट्स वॉच ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि मई 2025 से बीजेपी के नेतृत्व वाली सरकार ने बंगाली मुसलमानों को बांग्लादेश भेजने के अभियान तेज कर दिए हैं, जिसका उद्देश्य लोगों को बिना कानूनी अनुमति के भारत में प्रवेश करने से रोकना है.

‘बीजेपी सरकार भेदभाव को बढ़ावा दे रही है’

ह्यूमन राइट्स वॉच की एशिया निदेशक एलेन पियर्सन ने कहा कि बीजेपी सरकार बंगाली मुसलमानों को मनमाने ढंग से देश से निकाल कर भेदभाव को बढ़ावा दे रही है, जबकि उनमें भारतीय नागरिक भी शामिल हैं.

1,500 से ज्यादा मुस्लिमों को जबरन बांग्लादेश भेजा गया

HRW ने अपनी रिपोर्ट में आगे कहा कि भारत सरकार ने निष्कासित लोगों की संख्या पर कोई आधिकारिक आंकड़ा उपलब्ध नहीं कराया है. हालांकि बांग्लादेश बॉर्डर गार्ड्स ने बताया है कि भारत ने 7 मई से 15 जून के बीच 1,500 से ज्यादा मुस्लिम पुरुषों, महिलाओं और बच्चों को बांग्लादेश भेजा है. इनमें म्यांमार से आए लगभग 100 रोहिंग्या शरणार्थी भी शामिल हैं.

‘मारपीट कर बांग्लादेश घुसने के लिए किया मजबूर’

रिपोर्ट में कहा गया कि बीजेपी शासित राज्यों असम, उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, गुजरात, ओडिशा और राजस्थान में अधिकारियों ने ज्यादातर गरीब प्रवासी मुसलमान मजदूरों को पकड़कर भारतीय बॉर्डर फोर्सेज को सौंप दिया. कई मामलों में बॉर्डर फोर्सेज ने कथित तौर पर हिरासत में लिए गए लोगों को धमकाया और पीटा और उन्हें बांग्लादेश में घुसने के लिए मजबूर किया. हालांकि बाद बाद में भारत सरकार को दर्जनों ऐसे लोगों को वापस लाना पड़ा है जिन्होंने अपनी भारतीय नागरिकता साबित कर दी.

BSF ने मारपीट की

ह्यूमन राइट्स वॉच की रिपोर्ट के मुताबिक, जम्मू- कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद पुलिस ने मुसलमानों को परेशान करना शुरू कर दिया. उनकी नागरिकता के दावों को स्वीकार करने से इनकार कर दिया और उनके फोन, दस्तावेज और निजी सामान जब्त कर लिए. पकड़े गए कुछ लोगों ने बताया कि भारतीय सीमा सुरक्षा बल (BSF) के अधिकारियों ने उन्हें धमकाया और उनके साथ मारपीट की, और कुछ मामलों में तो बंदूक की नोक पर उन्हें सीमा पार करने के लिए मजबूर किया.

‘असम के मुसलमानों को जबरन भेजा गया’

HRW की रिपोर्ट के हवाले से असम के भारतीय नागरिक और पूर्व स्कूल शिक्षक 51 वर्षीय खैरुल इस्लाम ने बताया कि 26 मई को भारतीय सीमा अधिकारियों ने हाथ- मुंह बांध कर उन्हें 14 अन्य लोगों के साथ जबरन बांग्लादेश में घुसने पर मजबूर कर दिया. खैरुल इस्लाम ने कहा कि जब मैंने सीमा पार करके बांग्लादेश जाने से इनकार किया, तो बीएसएफ अधिकारी ने मुझे पीटा और हवा में चार बार रबर की गोलियां चलाईं. वह दो हफ्ते बाद किसी तरह वापस लौटने में कामयाब रहे.

spot_img
1,716FansLike
6,134FollowersFollow
118FollowersFollow
17,100SubscribersSubscribe