सेकेंडरी स्कूल लीविंग सर्टिफिकेट (एसएसएलसी-कक्षा 10) परीक्षा का पहला दिन हिजाब विवाद के बीच पूरे कर्नाटक में शांतिपूर्ण ढंग से आयोजित किया गया. अधिकांश छात्रों ने वर्दी में अपनी परीक्षा दी और केवल कुछ ने भाग नहीं लिया और कुछ छात्राओं को हिजाब पहनने के लिए वापस भेज दिया गया.
शिक्षा विभाग ने केएसटीवी हाई स्कूल में परीक्षा आयोजित करने के दौरान हिजाब उतारने से इनकार करने पर एक निरीक्षक को निलंबित कर दिया है. नूर फातिमा, जो परीक्षा ड्यूटी पर थी, हिजाब पहनकर आई थी. शिक्षा विभाग के सूत्रों ने कहा कि जब उन्हें इसे हटाने के लिए कहा गया तो उन्होंने मना कर दिया और बाद में परीक्षा केंद्र से वापस भेज दिया गया और निलंबित कर दिया गया.
बागलकोट जिले के इलाकल गवर्नमेंट स्कूल में हिजाब पहनकर परीक्षा देने आई एक छात्रा से जब हिजाब हटाने के लिए कहा गया तो उसने परीक्षा नहीं देने का फैसला किया.
एक अन्य घटना में, बेलगावी जिले के चिकोडी शहर में पुलिस ने अन्य छात्रों की ओर से परीक्षा देने वाली एक छात्रा सहित 6 फर्जी उम्मीदवारों को हिरासत में लिया. अधिकारियों ने उनके हॉल टिकट का निरीक्षण करते हुए उन्हें पकड़ लिया.
दसवीं कक्षा की छात्रा अनुश्री, जो अपनी परीक्षा दे रही थी, मैसूर जिले के टी. नरसीपुर केंद्र में दिल का दौरा पड़ने से गिर गई और उसकी मृत्यु हो गई.
बेलगावी विधायक अनिल बेनके ने कुछ हिजाब और बुर्का पहनी छात्राओं को फूल भेंट कर स्वागत किया. बाद में इन छात्राओं ने हिजाब और बुर्का हटा दिया और परीक्षा में शामिल हुईं.
अपने बच्चों को छोड़ने आई अल्पसंख्यक छात्राओं के कई अभिभावकों ने कहा कि उनके लिए शिक्षा महत्वपूर्ण है.
इस शैक्षणिक वर्ष में एसएसएलसी परीक्षा के लिए 8,73,846 छात्रों ने नामांकन किया है, जिसमें 4,52,732 लड़के और 4,21,110 छात्राएं हैं. थर्ड जेंडर के चार छात्र और 5,307 विकलांग बच्चे भी परीक्षा दे रहे हैं.
राज्य भर के 3,444 परीक्षा केंद्रों और लगभग 3,444 परीक्षा केंद्रों पर धारा 144 लागू कर दी गई और किसी भी तरह के प्रदर्शन या अप्रिय घटना से बचने के लिए सभी परीक्षा केंद्रों पर कड़ी पुलिस सुरक्षा तैनात की गई. 60,000 से अधिक सरकारी अधिकारियों ने परीक्षाओं की निगरानी की.
(इनपुट आईएएनएस/न्यूज़ नेशन)