ईरान ने उत्तरी इराक में अमेरिका के वाणिज्य दूतावास परिसर के समीप गिरी मिसाइलों के लिए रविवार को जिम्मेदारी ली और कहा कि यह सीरिया में इजराइल के हमलों के जवाब में दागी गयी, जिसमें इस हफ्ते की शुरुआत में उसके रेवोल्यूशनरी गार्ड के दो सदस्य मारे गए थे.
इराक के विदेश मंत्रालय ने इस हमले के विरोध में रविवार को ईरान के राजदूत को तलब किया था तथा इसे देश की संप्रभुत्ता का घोर उल्लंघन बताया था.
रविवार को इरबिल शहर पर हुए हमले में कोई हताहत नहीं हुआ. इस हमले से अमेरिका और ईरान के बीच तनाव बढ़ गया है.
इराक की सरकार ने इस हमले की कड़ी निंदा करते हुए इसे ‘अंतरराष्ट्रीय कानून और नियमों का उल्लंघन’ बताया और ईरान के नेतृत्व से स्पष्टीकरण मांगा.
इराक के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अहमद अल-शाहाफ ने कहा कि मंत्रालय ने अपने कूटनीतिक विरोध दर्ज कराने के लिए ईरान के राजदूत इराज मजजेदी को तलब किया.
अमेरिका ने इस हमले की कड़ी निंदा की और कहा कि यह एक असैन्य निवास पर अनुचित हमला है.
व्हाइट हाउस के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जैक सुलिवान ने एक बयान में कहा, ‘हम ईरान को जवाबदेह ठहराने में इराक सरकार का समर्थन करेंगे और हम ईरान से ऐसे ही खतरों से निपटने में पश्चिम एशिया के अपने साझेदारों का समर्थन करेंगे. अमेरिका इराक की संप्रभुत्ता, स्वतंत्रता और क्षेत्रीय अखंडता के साथ खड़ा है.’
रक्षा विभाग के प्रवक्ता नेड प्राइस ने वाशिंगटन में पत्रकारों से कहा कि अमेरिकी सरकार के किसी भी कार्यालय को नुकसान नहीं पहुंचा है और इस बात के भी संकेत नहीं है कि निशाना वाणिज्य दूतावास था.
ईरान की शक्तिशाली रेवोल्यूशनरी गार्ड ने अपनी वेबसाइट पर कहा कि उसने इरबिल में इजराइली जासूसी केंद्र पर हमला किया.
इस बीच, ईरान ने क्षेत्रीय शत्रु सऊदी अबर के साथ वर्षों से चल रहे तनाव को कम करने के मकसद से बगदाद की मध्यस्थता वाली गुप्त वार्ता निलंबित कर दी है.
बता दें कि ईरान ने रविवार को इराक पर 12 मिसाइलें दागी थीं जिसमें अमेरिकी दूतावास बाल-बाल बचा था.
(इनपुट पीटीआई-भाषा)