Israel Attack on Syria: इजराइल ने सीरिया में घातक हमला किया, जिसमें 13 लोगों की मौत हो गई और 24 लोग घायल हुए. सीरिया पर हुआ यह हमला पिछले साल पूर्व तानाशाह बशर अल-असद के सत्ता से हटने के बाद से किसी भी विदेशी देश द्वारा किया गया सबसे बड़ा हमला बताया जा रहा है. इजराइल द्वारा सीरिया में किए हमले की सऊदी अरब और अन्य खाड़ी देशों ने कड़ी निंदा की.
बता दें कि इजराइली सेना ने शुक्रवार को साउथ सीरिया के बेत जिन गांव में घुसकर हमला करते हुए लेबनान के संगठन जमा इस्लामिया के दो सदस्यों को पकड़ा. इजराइल का कहना है कि ये दोनों लोग भविष्य में इजराइल पर हमले करने की योजना बना रहे थे. इजराइली सेना ने कहा कि लड़ाई के दौरान छह सैनिक घायल हो गए, जिनमें दो अधिकारी और तीन की हालत गंभीर है.
सीरिया–इजराइल के बीच तनाव और बढ़ा
इजराइली हमले ने पहले से ही सीरिया–इजराइल के बीच तनावपूर्ण हालात को और बढ़ा दिया है. दमिश्क ने इजराइल पर बार-बार हमले और सीमा पार अभियान चलाने का आरोप लगाया है. दमिश्क ने कहा कि ये उसकी संप्रभुता का उल्लंघन है और 1974 के डिसएंगेजमेंट एग्रीमेंट का भी उल्लंघन करता है. सीरियाई अधिकारियों ने चेतावनी दी है कि ऐसे लगातार घुसपैठ वाले घटनाक्रम पूरे क्षेत्र की स्थिरता के लिए खतरा बन सकते हैं.
सऊदी ने इजराइली हमले की निंदा की
सऊदी विदेश मंत्रालय ने सोशल मीडिया के जरिए बयान जारी करते हुए इजराइली हमले की निंदा की. सऊदी ने इस बात पर जोर दिया कि किंगडम सीरियाई इलाके में इजराइली मिलिट्री एक्टिविटी को पूरी तरह से खारिज करता है.
सऊदी ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से की ये अपील
रियाद ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय खासकर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के स्थायी सदस्यों से अपील की कि वे सीरिया की संप्रभुता का लगातार हो रहा उल्लंघन रोकने के लिए कदम उठाएं और देश की एकता व स्थिरता की रक्षा करने वाले अंतरराष्ट्रीय प्रस्तावों को लागू कराने में भूमिका निभाएं.
कतर ने जारी किया बयान
वहीं कतर के विदेश मंत्रालय ने भी बयान जारी करते हुए कहा कि इजरायली हमला सीरिया की संप्रभुता, अंतर्राष्ट्रीय कानून और मानवीय सिद्धांतों का “घोर उल्लंघन” है.
कुवैत ने क्या कहा?
कुवैत के विदेश मंत्रालय ने भी बयान जारी करते हुए इस हमले को “अपराधपूर्ण” करार दिया, जो क्षेत्र में तनाव कम करने के प्रयासों को कमजोर करने वाली अस्थिर करने वाली नीति को दिखाता है. कुवैत ने कहा कि ये हमले सीरिया की संप्रभुता, अंतरराष्ट्रीय मानवीय कानून और संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के संबंधित प्रस्तावों का साफ उल्लंघन हैं.

