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जमाअत-ए-इस्लामी हिंद ने बांग्लादेश की स्थिति पर गहरी चिंता जताई, कानून के शासन को बहाल करने की मांग की

जमाअत-ए-इस्लामी हिंद के अध्यक्ष सैयद सआदतुल्लाह हुसैनी ने इस बात पर जोर दिया कि अल्पसंख्यकों की सुरक्षा किसी भी सरकार की नैतिक विश्वसनीयता और संवैधानिक वैधता की एक बुनियादी कसौटी है.

नई दिल्ली, 22 दिसंबर 2025: जमाअत-ए-इस्लामी हिंद (Jamaat e Islami Hind) के अध्यक्ष सैयद सआदतुल्लाह हुसैनी (Syed Sadatullah Husaini) ने बांग्लादेश में तेजी से बिगड़ती राजनीतिक, सामाजिक और सुरक्षा की स्थिति पर गहरी चिंता जताई है. उन्होंने मौजूदा सत्ता में बैठे लोगों से जिम्मेदारी, संयम और लोकतांत्रिक सिद्धांतों के प्रति दृढ़ प्रतिबद्धता के साथ काम करने की अपील की ताकि शांति, स्थिरता और जनता का भरोसा बहाल हो सके.

अल्पसंख्यक नागरिक की लिंचिंग की कड़ी निंदा की

मीडिया को जारी एक बयान में सैयद सआदतुल्लाह हुसैनी ने कहा कि बांग्लादेश में हो रहे घटनाक्रम देश को असीमित अस्थिरता और हिंसा की ओर धकेल रहे हैं. कानून-व्यवस्था के कमजोर होने से असामाजिक तत्वों को स्थिति का लाभ उठाने का मौका मिला है, जिसकी वजह से नागरिकों, संपत्तियों और संस्थानों पर हमले हो रहे हैं. उन्होंने अफवाहें फैलने के बाद बांग्लादेश में एक अल्पसंख्यक नागरिक की हाल ही में हुई लिंचिंग की कड़ी निंदा की और इस घटना को दुखद, निंदनीय और बेहद चिंताजनक बताया.

उन्होंने कहा, “इस तरह की घटनाएं जहां कहीं भी हो रही हैं नैतिक रूप से गलत हैं, कानूनी तौर पर अपराध हैं, और समाज के लिए नुकसानदायक हैं. कोई भी आरोप, कोई भी भावना, और कोई भी राजनीतिक स्थिति भीड़ की हिंसा या इंसान की जान लेने को सही नहीं ठहरा सकती.”

अल्पसंख्यकों की सुरक्षा किसी भी सरकार की नैतिक जिम्मेदारी

सैयद सआदतुल्लाह हुसैनी ने इस बात पर जोर दिया कि अल्पसंख्यकों की सुरक्षा किसी भी सरकार की नैतिक विश्वसनीयता और संवैधानिक वैधता की एक बुनियादी कसौटी है. उन्होंने बांग्लादेश के अधिकारियों से अल्पसंख्यक समुदायों की सुरक्षा और गरिमा सुनिश्चित करने, इबादतगाहों की रक्षा करने और यह संदेश देने का आग्रह किया कि हिंसा, भेदभाव और भीड़ द्वारा की जाने वाली मनमानी बर्दाश्त नहीं की जाएगी.

उन्होंने कमजोर समुदायों की रक्षा के लिए आम नागरिकों और सिविल सोसायटी समूहों के आगे आने की खबरों का स्वागत किया, और कहा कि ऐसी सार्वजनिक एकजुटता स्वस्थ्य समाज की अंतरात्मा को प्रदर्शित करती है और सामाजिक सद्भाव की रक्षा में अहम भूमिका निभाती है.

सैयद सआदतुल्लाह हुसैनी ने उन तत्वों के खिलाफ चेतावनी दी जो डर, नफरत और अशांति फैलाने के लिए संवेदनशील धार्मिक मुद्दों का फायदा उठाते हैं. साथ ही उन्होंने बांग्लादेश सरकार, कानून प्रवर्तन एजेंसियों और नागरिक प्रशासन से हिंसा भड़काने वालों के खिलाफ यथाशीघ्र और निर्णायक कार्रवाई करने का आग्रह किया. यह देखते हुए कि न्याय में देरी से हिंसक तत्वों को बढ़ावा मिलता है और लोकतांत्रिक और कानूनी संस्थानों में जनता का विश्वास कम होता है, उन्होंने समयबद्ध और पारदर्शी तरीके से सत्यापित जानकारी के साथ अफवाहों का मुकाबला करने के महत्व पर बल दिया. इस बात पर भी जोर देते हुए कि ऐसे अपराधों के लिए कड़ी और निष्पक्ष कार्रवाई की जरूरत है ताकि यह साफ संकेत दिया जा सके कि भीड़ की हिंसा को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा, उन्होंने बांग्लादेश की अंतरिम सरकार द्वारा जारी निंदा और अब तक की गई गिरफ्तारियों का भी स्वागत किया.

‘जमाअत-ए-इस्लामी हिंद बांग्लादेश के लोगों के साथ’

सैयद सआदतुल्लाह हुसैनी ने कहा, “जमाअत-ए-इस्लामी हिंद बांग्लादेश के लोगों के साथ खड़ी है और पूरी उम्मीद करती है कि शांतिपूर्ण और न्यायपूर्ण समाधान निकलेगा, जिससे लोकतांत्रिक शासन बहाल होगा, कानून का राज मजबूत होगा, और सभी नागरिकों के लिए सुरक्षा, अधिकार और न्याय की जमानत मिलेगी.”

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