राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद आज 21 मार्च, 2022 को जामिया मिल्लिया इस्लामिया की कुलपति प्रोफेसर नजमा अख्तर को देश के चौथे सर्वोच्च नागरिक सम्मान पद्मश्री से सम्मानित करेंगे.
राष्ट्रपति भवन के दरबार हॉल में आयोजित होने वाले समारोह में यह पुरस्कार प्रदान किया जाएगा. भारत सरकार ने प्रो. नजमा अख्तर को साहित्य और शिक्षा के क्षेत्र में उनकी उत्कृष्ट और अमूल्य योगदान के सम्मान में इस पुरस्कार के लिए चुना है.
प्रोफेसर नजमा अख्तर को जामिया की पहली महिला कुलपति होने का गौरव प्राप्त है. देश के प्रमुख शिक्षण संस्थानों में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के वितरण में परिवर्तन लाने के लिए उन्हें एक प्रमुख शिक्षाविद् के रूप में व्यापक रूप से पहचाना जाता है.
बता दें कि प्रोफेसर अख्तर की देखरेख में जामिया मिलिया इस्लामिया को पिछले साल राष्ट्रीय प्रत्यायन और मूल्यांकन परिषद (NAAC) द्वारा A++ प्राप्त हुआ.
एनडीटीवी खबर के अनुसार, प्रो. नजमा अख्तर के नेतृत्व में जामिया ने शिक्षा मंत्रालय (एमओई) के राष्ट्रीय संस्थागत रैंकिंग फ्रेमवर्क (एनआईआरएफ) में छठा स्थान हासिल किया. यही नहीं उनके नेतृत्व में, विश्वविद्यालय ने वर्ष 2019-20 के लिए शिक्षा मंत्रालय द्वारा किए गए प्रदर्शन मूल्यांकन में सभी केंद्रीय विश्वविद्यालयों के बीच 95.23 प्रतिशत अंक हासिल करके उत्कृष्ट प्रदर्शन हासिल किया है.
13 नवंबर, 1953 को जन्मी प्रोफेसर अख्तर ने ‘उच्च शिक्षा की पारंपरिक और दूरस्थ शिक्षा प्रणाली पर एक तुलनात्मक अध्ययन’ विषय पर शिक्षा में पीएचडी प्राप्त की. मास्टर डिग्री में गोल्ड मेडलिस्ट रहीं, उन्होंने एजुकेशन में एमए और बॉटनी में एमएससी डिग्री प्राप्त की है. एक प्रोफेसर के तौर पर काम किया और वे राष्ट्रीय शैक्षिक योजना और प्रशासन विश्वविद्यालय (एनयूईपीए), नई दिल्ली में शिक्षा में प्रशिक्षण और क्षमता निर्माण विभाग की प्रमुख थीं. इसके साथ ही उन्होंने इग्नू के दूरस्थ शिक्षा कार्यक्रम के साथ भी काम किया और उत्तर प्रदेश में राज्य शैक्षिक प्रबंधन और प्रशिक्षण संस्थान (SIEMAT) की संस्थापक निदेशक भी रहीं.
प्रो. नजमा अख्तर मौलाना आजाद राष्ट्रीय उर्दू विश्वविद्यालय (एमएएनयू) हैदराबाद, दिल्ली विश्वविद्यालय और असम विश्वविद्यालय में भी नियुक्ति समिति और प्रवेश समिति का हिस्सा रही हैं.