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Jharkhand: बजरंग दल के आरोप पर कैथोलिक नन और 19 नाबालिग बच्चे हिरासत में.. आरोप निकले बेबुनियाद

सरायकेला-खरसावां ज़िले में किशोरों को जागरूक करने वाले प्रोजेक्ट्स पर काम करने वाली नन ने आरोप लगाया कि सफर के दौरान उनका और बच्चों को पीछा किया गया.

Jharkhand: देश में अल्पसंख्यक समुदायों, खासकर मुसलमानों और ईसाईयों को हिंदूवादी दलों और दक्षिषपंथी नेता लगातार बेबुनियाद आरोप लगाकर परेशान कर रहे हैं. बीते दिनों छत्तीसगढ़ में धर्मांतरण के आरोप में दो नन को गिरफ्तार किया गया था. एक ऐसा ही मामला झारखंड से सामने आया है. यहां बजरंग दल के सदस्यों द्वारा जबरन धर्मांतरण के आरोप लगाने के बाद टाटानगर रेलवे स्टेशन पर एक कैथोलिक नन और 19 आदिवासी नाबालिग बच्चों को हिरासत में लिया गया और लगभग पांच घंटे तक पूछताछ की गई.

क्या है पूरा मामला?

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, अधिकारियों ने इसे बेबुनियाद बताते हुए खारिज कर दिया. कैथोलिक नन और 19 आदिवासी नाबालिग बच्चों का ग्रुप साउथ बिहार एक्सप्रेस से जमशेदपुर पहुंचा था. यहां वे दो दिवसीय लाइफ-स्किल्स ट्रेनिंग प्रोग्राम में हिस्सा लेने आए थे. इस ग्रुप में 4 लड़के और 15 लड़कियां शामिल थीं.

सरायकेला- खरसावां ज़िले में किशोरों को जागरूक करने वाले प्रोजेक्ट्स पर काम करने वाली नन ने आरोप लगाया कि सफर के दौरान उनका और बच्चों को पीछा किया गया.

‘भीड़ जमा हो गई’

इंडियन एक्सप्रेस के हवाले से नन ने बताया कि पहले ट्रेन में टीटीई ने चुपचाप मुझसे पूछा कि मैं इन बच्चों को कहां ले जा रही हूं. उसके बाद एक बड़ी भीड़ जमा हो गई, जैसे मैं कोई अपराधी हूं. इसके बाद यात्रियों और टीटीई ने बच्चों के धर्म को लेकर सवाल पूछने शुरू कर दिए.

नन ने आगे बताया कि उन्होंने बच्चों के अभिभावकों और गांव के मुंडा (मुखिया) द्वारा हस्ताक्षरित अनुमति पत्र दिखाए, जिनमें बच्चों को इस हर कुछ महीनों में होने वाले कार्यक्रम में शामिल होने की अनुमति दी गई थी.

हालात बिगड़ने के डर से नन ने प्रोग्राम डायरेक्टर और फादर बिरेंद्र टेटे को फोन किया.फादर टेटे ने बताया कि जब वे स्टेशन पहुंचे, तो उन्होंने देखा कि नाबालिग बच्चे प्लेटफॉर्म पर बैठे थे और उन्हें बजरंग दल के सदस्य चारों तरफ से घेरकर लड़कियों की तस्वीरें खींच रहे थे.

फादर बिरेंद्र टेटे ने आरोप लगाया कि बच्चों को RPF की निगरानी में और फिर गवर्नमेंट रेलवे पुलिस की हिरासत में रात 11 बजे से लेकर सुबह लगभग 4 बजे तक स्टेशन पर रखा गया. इसके बाद ही उन्हें ट्रेनिंग सेशन में शामिल होने की अनुमति दी गई.

चाइल्ड हेल्पलाइन 1098 से पंकज गुप्ता ने पुष्टि की कि अधिकारियों को कोई संदिग्ध गतिविधि नहीं मिली. वहीं, GRP की डिप्टी सुपरीटेंडेंट जयश्री कुजुर ने भी कहा कि अब तक धर्मांतरण का कोई मामला सामने नहीं आया है, हालांकि उन्होंने यह कहा कि जांच अभी जारी है.

बजरंग दल ने क्या कहा?

हालांकि, बजरंग दल के स्थानीय प्रमुख अरुण सिंह ने इस पूरे मामले में हस्तक्षेप को सही ठहराया. उन्होंने दावा किया कि उनके एक कार्यकर्ता ने बच्चों की कलाई पर धागे देखे, जिससे शक हुआ.

ईसाई अधिकार संगठनों ने क्या कहा?

ईसाई अधिकार संगठनों ने बजरंग दल पर बच्चों की तस्वीरें और वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल करने का आरोप लगाया है. ऑल इंडिया क्रिश्चियन माइनॉरिटी फ्रंट के उपाध्यक्ष अजीत तिर्की ने कहा कि वे इस मामले के जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कार्रवाई की मांग करेंगे.

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