नई दिल्ली: जामिया मिल्लिया इस्लामिया के शिक्षक प्रशिक्षण और अनौपचारिक शिक्षा विभाग (आईएएसई) ने दिनांक 6 नवंबर, 2024 को “प्रिंसिपल्स इंटरएक्टिव मीट-2024” का आयोजन किया। यह समागम बी.एड. (सामान्य), बी.एड. (नर्सरी) और डी.एल.एड. के लिए स्कूल इंटरेक्शन प्रोग्राम पर केंद्रित था और इसका आयोजन सलामतुल्लाह ब्लॉक, न्यू हॉल, आईएएसई, शिक्षा संकाय में किया गया । इस कार्यक्रम में आईएएसई के सभी संकाय सदस्यों के साथ-साथ प्रशिक्षु प्राथमिक, माध्यमिक और वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालयों के प्रिंसिपल शामिल हुए।
आईएएसई की अध्यक्ष प्रो. जेसी अब्राहम ने कार्यक्रम की अध्यक्षता की और उद्घाटन भाषण दिया, जिसमें एक स्वागत संदेश भी शामिल था। उन्होंने समागम के उद्देश्य को रेखांकित किया, जिसका उद्देश्य स्कूल प्रिंसिपलों को उन विभिन्न गतिविधियों के बारे में सूचित करना था, जिन्हें छात्र-शिक्षक अपने-अपने स्कूलों में लागू करेंगे।
बी.एड. के द्वितीय वर्ष के समन्वयक डॉ. मोहम्मद मामूर अली ने स्कूल इंटर्नशिप कार्यक्रम के सभी घटकों को साझा किया। । बी.एड. नर्सरी प्रथम वर्ष के समन्वयक डॉ. डोरी लाल ने बी.एड. (सामान्य) सेमेस्टर-1 में अपनाए जा रहे स्कूल इंटर्नशिप कार्यक्रम के विभिन्न तत्वों के बारे में जानकारी दी। बी.एड. नर्सरी द्वितीय वर्ष की समन्वयक डॉ. अशफिया दानिशयार ने बी.एड. नर्सरी द्वितीय वर्ष में अपनाए जा रहे स्कूल इंटर्नशिप कार्यक्रम के विभिन्न तत्वों के बारे में जानकारी दी।
बी.एड. नर्सरी प्रथम वर्ष के समन्वयक प्रो. सविता कौशल और डॉ. कपिल ढींगरा ने भी बी.एड. नर्सरी प्रथम वर्ष में स्कूल इंटर्नशिप कार्यक्रम की संरचना और कार्यान्वयन के बारे में बात की। द्वितीय वर्ष के डी.एल.एड. समन्वयक डॉ. अरशद अंसारी ने डिप्लोमा प्रारंभिक शिक्षा में स्कूल इंटर्नशिप कार्यक्रम की आवश्यकता और महत्व के बारे में बात की। डी.एल.एड. प्रथम वर्ष के समन्वयक डॉ. अंसार अहमद ने कार्यक्रम को प्रभावी ढंग से लागू करने में स्कूल और स्कूल अधिकारियों की भूमिका के बारे में पर चर्चा की।
विभिन्न स्कूलों के प्रधानाचार्यों ने चल रहे एसआईपी (स्कूल इंटर्नशिप प्रोग्राम) पर अपनी प्रतिक्रिया साझा की। उन्होंने इंटर्नशिप कार्यक्रम में शामिल किए जाने वाले कुछ उपयोगी सुझाव दिए ताकि इसे छात्र-शिक्षकों के लिए और अधिक समृद्ध बनाया जा सके। उन्होंने इंटर्नशिप कार्यक्रम के दौरान भाग लेने वाले स्कूलों द्वारा पालन किए जाने वाले दिशा-निर्देश प्रदान करने का भी सुझाव दिया।
प्रो. जेसी अब्राहम ने सभी प्रधानाचार्यों को उनकी प्रतिभागिता के लिए आभार व्यक्त करते हुए सत्र का समापन किया। उन्होंने उनकी बहुमूल्य प्रतिक्रिया और सहयोग के लिए उनकी प्रशंसा की। उन्होंने उन्हें आश्वासन दिया कि विभाग निश्चित रूप से उनके द्वारा दिए गए फीडबैक की दिशा में कार्य करेगा और तदनुसार बदलाव लाएगा। कार्यक्रम का समापन बी.एड. प्रथम वर्ष की समन्वयक डॉ. डोरी लाल के धन्यवाद ज्ञापन के साथ हुआ।