कर्नाटक हिजाब विवाद मामले में तनाव लगातार बढ़ता ही जा रहा है. ताजा जानकारी के अनुसार याचिकाकर्ता छात्रा हाजरा शिफा के पिता के होटल पर भीड़ ने 21 फरवरी की रात कथित तौर पर हमला कर दिया, जिसमें हाजरा के भाई घायल हो गए. यह घटना उडुपी जिले के मालपे में हुई है. हिजाब विवाद को लेकर हाजरा ने कर्नाटक हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी.
संघ परिवार के गुंडों द्वारा क्रूर हमला किया गया: हाजरा
हाजरा ने ट्वीट करते हुए आरोप लगाया है कि संघ परिवार के गुंडों द्वारा क्रूर हमला किया गया और मैं जल्द से जल्द इनके खिलाफ कार्रवाई की मांग करती हूं. उसने यह भी पुष्टि की कि उसके भाई पर हमला किया गया जिसमें वह गंभीर रूप से घायल हो गया. अब अस्पताल में उसका इलाज चल रहा है.
मेरे भाई पर भीड़ ने बेरहमी से हमला किया: हाजरा शिफा
घटना के बाद छात्रा हाजरा शिफा ने ट्वीट करते हुए लिखा कि ‘मेरे भाई पर भीड़ ने बेरहमी से हमला किया. सिर्फ इसलिए कि मैं अपने हिजाब के लिए खड़ी हूं जो कि मेरा अधिकार है. हमारी संपत्ति को भी बर्बाद कर दिया. क्यों?? क्या मैं अपना हक नहीं मांग सकती? उनका अगला शिकार कौन होगा? मैं संघ परिवार के गुंडों के खिलाफ कार्रवाई की मांग करती हूं.’
क्या है हिजाब विवाद
हिजाब विवाद पर कर्नाटक हाईकोर्ट में सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ताओं की ओर से कोर्ट में कहा गया कि हिजाब पर रोक कुरान पर प्रतिबंध लगाने के समान है. मुस्लिम छात्राओं को शिक्षण संस्थानों में हिजाब पहनकर प्रवेश से रोकने को लेकर विवाद दिसंबर में शुरू हुआ था, जब कर्नाटक के उडुपी जिले की छह छात्राओं ने आवाज़ उठाई थी. उसके बाद वही लड़कियां हाईकोर्ट में गुहार करने पहुंची थीं. तभी से यह मामला बढ़ता चला जा रहा है.
कर्नाटक सरकार ने सोमवार को हाईकोर्ट से कहा कि हिजाब मामले में याचिकाकर्ता न सिर्फ इसे पहनने की अनुमति मांग रही हैं, बल्कि यह घोषणा भी चाहती हैं कि इसे पहनना इस्लाम को मानने वाले सभी लोगों पर धार्मिक रूप से बाध्यकारी है. राज्य सरकार ने कहा कि हिजाब एक आवश्यक धार्मिक परंपरा नहीं है और धार्मिक निर्देशों को शैक्षणिक संस्थानों के बाहर रखना चाहिए.
कर्नाटक हाईकोर्ट का अंतरिम आदेश
कर्नाटक हाईकोर्ट ने अपने अंतरिम आदेश में अगले आदेश तक सभी छात्रों को कक्षा के भीतर भगवा शॉल, भगवा गमछा और हिजाब पहनने या किसी अन्य धार्मिक झंडे को रखने से रोक दिया है.