Palghar, Maharashtra News: पालघर साधुओं के लिंचिंग मामले में बीजेपी ने जिस काशीनाथ चौधरी (Kashinath Chaudhary) को इस घटना का मुख्य आरोपी बताया था, अब वो बीजेपी में शामिल हो गए हैं. काशीनाथ ने रविवार को दहानू में बीजेपी सांसद हेमंत सावरा और जिला अध्यक्ष भरत राजपूत की मौजूदगी में बीजेपी की सदस्यता ली. काशीनाथ चार हजार से ज्यादा समर्थकों के साथ बीजेपी में शामिल हुए. इसके बाद महाराष्ट्र की राजनीति में हलचल तेज हो गई है. वहीं काशीनाथ के बीजेपी में शामिल होने के बाद कांग्रेस ने इसे बीजेपी का दोहरा चरित्र बताया है.
कांग्रेस ने बीजेपी का दोहरा चरित्र बताया
काशीनाथ चौधरी के बीजेपी में शामिल होने के बाद कांग्रेस ने BJP पर कड़ा हमला किया है. कांग्रेस ने कहा कि पालघर में साधुओं की हत्या को लेकर बीजेपी ने काशीनाथ चौधरी को मुख्य आरोपी बताया था.तब बीजेपी के नेताओं ने काशीनाथ चौधरी को लेकर खूब हमला बोला था. अब खबर है कि काशीनाथ चौधरी को BJP ने गाजे-बाजे के साथ पार्टी की सदस्यता दिलवा दी है. ये है BJP का ‘दोहरा चरित्र.’
पालघर में साधुओं की हत्या को लेकर BJP ने काशीनाथ चौधरी को मुख्य आरोपी बताया था।
तब BJP के नेताओं ने काशीनाथ चौधरी को लेकर खूब हमला बोला था।
अब खबर है कि काशीनाथ चौधरी को BJP ने गाजे-बाजे के साथ पार्टी की सदस्यता दिलवा दी है।
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— Congress (@INCIndia) November 17, 2025
क्या था पूरा मामला?
बता दें कि पालघर में कोविड महामारी के समय लॉकडाउन के दौरान 16 अप्रैल 2020 को दो साधुओं चिन्मयानंद और सुशील गिरी महाराज और उनके ड्राइवर की भीड़ द्वारा पीट-पीटकर हत्या कर दी गई थी. वे तीनों सूरत की ओर जा रहे थे, इस दौरान गढ़चिंचल गांव में भीड़ ने उन पर हमला कर दिया. इस घटना के बाद बीजेपी ने राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के तत्कालीन नेता काशीनाथ चौधरी पर इस घटना के पीछे शामिल होने का आरोप लगाया था.
BJP ने उद्धव ठाकरे की सरकार पर लगाए थे गंभीर आरोप
महा विकास अघाड़ी (MVA) सरकार के समय हुई इस घटना ने पूरे राज्य में भारी नाराज़गी पैदा कर दी थी. बीजेपी ने उद्धव ठाकरे की नेतृत्व वाली सरकार की तीखी आलोचना करते हुए कहा था कि कानून-व्यवस्था पूरी तरह विफल हो गई है. बीजेपी ने उद्धव ठाकरे की सरकार पर आरोप लगाया था कि भीड़ को राजनीतिक संरक्षण मिला हुआ है. बीजेपी ने सीबीआई जांच की मांग करते हुए ‘मुंबई-पालघर जन आक्रोश यात्रा’ भी निकाली थी. पुलिस ने इस मामले में करीब 200 लोगों को हिरासत में लिया था और 108 गवाहों के बयान दर्ज किए थे.

