Supreme Court On Kashmiri Family: सुप्रीम कोर्ट ने आज यानी कि शुक्रवार, 2 मई को एक कश्मीरी परिवार को बड़ी राहत राहत देते हुए पाकिस्तान भेजे जाने की प्रक्रिया पर रोक लगा दी है. अदालत ने कहा कि जब तक उनके दस्तावेजों की जांच पूरी नहीं हो जाती तब तक उन्हें पाकिस्तान न भेजा जाए और न ही कोई सख्त कार्रवाई हो.
दरअसल, कश्मीर के रहने वाले एक परिवार को भारत सरकार के पाकिस्तानी नागरिकों को 48 घंटे में देश छोड़ने के आदेश के बाद पाकिस्तान भेजने का प्रोसेस शुरू कर दिया गया था. इसके बाद यह मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया.
‘दस्तावेजों की जांच से असंतुष्ट तो जम्मू-कश्मीर हाई कोर्ट का करें रुख’
जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस एन कोटिश्वर सिंह की बेंच ने कहा कि इस मामले में “इंसानियत का पहलू” भी जुड़ा है. कोर्ट ने परिवार को यह भी छूट दी कि अगर दस्तावेजों की जांच से वे असंतुष्ट हों, तो वे जम्मू-कश्मीर हाई कोर्ट का रुख कर सकते हैं.
हिरासत में लेकर पाकिस्तान भेजा जा रहा था
आपको बता दें कि अहमद तारिक बट और उनके पांच परिवारजनों ने एक याचिका दाखिल की है. उनका कहना है कि वे कश्मीर निवासी हैं और उनका बेटा बेंगलुरु में काम करता है. याचिकाकर्ताओं ने आरोप लगाया कि उन्हें वैध भारतीय दस्तावेज होने के बावजूद हिरासत में लेकर वाघा बॉर्डर पर पाकिस्तान भेजने के लिए ले जाया गया.
सुप्रीम कोर्ट ने इसके साथ ही यह भी कहा कि पहलगाम हमले के बाद केंद्र सरकार ने 25 अप्रैल को एक नोटिफिकेशन जारी किया है, जिसमें पाकिस्तानी नागरिकों के वीजा रद्द कर दिए गए हैं (कुछ को छोड़कर), और निर्धारित समय सीमा में उन्हें वापस भेजने का निर्देश दिया गया है.
बता दें कि पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत सरकार ने सख्त एक्शन लेते हुए पाकिस्तानी नागरिकों को 48 घंटे में भारत छोड़ने का आदेश दिया था.