Kerala: थालास्सेरी POCSO स्पेशल कोर्ट ने पलाथई (Palathayi) बाल यौन शोषण मामले में फैसला सुनाते हुए बीजेपी नेता और स्कूल शिक्षक के. पद्मराजन (K. Padmarajan) को दोषी ठहराते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई. POCSO स्पेशल कोर्ट की जज एम.टी. जलजारानी ने ये फैसला सुनाया.
थालास्सेरी कोर्ट ने शुक्रवार, 14 नवंबर को बीजेपी नेता को दोषी पाए जाने के एक दिन बाद सजा सुनाई. इसके साथ ही कोर्ट ने 1 लाख रुपये का जुर्माना लगाया और भुगतान न करने पर एक अतिरिक्त वर्ष के सजा देने की बात की.
इसके अलावा, POCSO अधिनियम की दो अलग- अलग धाराओं के तहत, उसे 40 साल की कैद और 1 लाख रुपये का अतिरिक्त भुगतान करना होगा, जिससे कुल जुर्माना 2 लाख रुपये हो जाएगा.
क्या है पूरा मामला?
द हिंदू की रिपोर्ट के मुताबकि, अभियोजन पक्ष ने कोर्ट बताया कि शिक्षक पद्मराजन ने जनवरी 2020 में बच्ची को स्कूल के शौचालय में ले जाकर तीन बार उसके साथ छेड़छाड़ की. अभियोजन पक्ष ने बच्ची समेत 40 गवाहों से पूछताछ की और 77 दस्तावेज़ और 14 साक्ष्य प्रस्तुत किए. वहीं बचाव पक्ष ने बच्ची का बयान दर्ज करने वाले काउंसलर समेत तीन गवाहों से पूछताछ की.
पुलिस ने आरोपी को बचाने की कोशिश की थी
बता दें कि इस मामले में पुलिस पर आरोप लगा था कि वो RSS से जुड़े आरोपी को बचाने की कोशिश कर रही है और बच्ची की गवाही को कमजोर कर रही है. इस आरोप के बाद विवाद खड़ा हो गया था. हालांकि हाई कोर्ट के हस्तक्षेप के बाद जांच क्राइम ब्रांच को सौंप दी गई, जिसने बाद में पॉक्सो एक्ट (POCSO) की संबंधित धाराओं के तहत अंतिम चार्जशीट दायर की.
पीड़ित बच्ची ने पहली बार 17 मार्च, 2020 को चाइल्डलाइन को पद्मराजन का नाम लेते हुए अपने साथ हुए शोषण का खुलासा किया था. इसके बाद आरोपी को 15 अप्रैल को पोयिलुर विलाकोट्टूर से गिरफ्तार किया गया. हालांकि, जब बच्ची को घटना की सही तारीखें याद नहीं आईं, तो पुलिस ने मामले को कमज़ोर करने की कोशिश की.
पीड़ित बच्ची की मां ने हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया
FIR में वह तारीख दर्ज थी जिस दिन आरोपी छुट्टी पर था, और यह तारीख पुलिस ने काउंसलर और बच्ची की जांच करने वाले डॉक्टर को बताई थी. मामला शुरू में “कमज़ोर” धाराओं में दर्ज होने के बाद, पद्मराजन को 90वें दिन ज़मानत मिल गई. इसके बाद बच्ची की मां ने हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था.

