Delhi: बीजेपी के कई नेता और हिंदू संगठन के कार्यकर्ता खुलेआम कहीं भी नियम- कानून की धज्जियां उड़ाते हुए किसी को भी धमकी देते हुए नजर आते हैं. कहीं ये मुसलमनों को तो कहीं ईसाईयों को बेबुनियाद आधारों के साथ परेशान करते हैं. लेकिन इस बार एक अलग मामला देश की राजधानी दिल्ली से सामने आया है. दिल्ली की बीजेपी पार्षद रेनू चौधरी (Renu Chaudhary) का एक वीडियो इस समय सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा हैं, जहां वो एक अफ्रीकी फुटबॉल कोच (African football coach) को हिंदी सीखने की धमकी देते हुए नजर आ रही है. आईए जानते हैं कि पूरा मामला क्या है.
ये है पूरा मामला
सोशल मीडिया में वायरल वीडियो में पूर्वी दिल्ली के पटपड़गंज की वार्ड नंबर 196 से बीजेपी पार्षद रेनू चौधरी दिल्ली नगर निगम के एक पार्क में बच्चों को ट्रेनिंग देने वाले एक अफ्रीकी फुटबॉल कोच को धमकी देते हुए नजर आ रही है. रेनू चौधरी अफ्रीकी फुटबॉल कोच के द्वारा हिंदी नहीं बोल पाने पर सवाल उठाती है.
बीजेपी पार्षद रेनू चौधरी अफ्रीकी फुटबॉल कोच को धमकी देती है कि अगर वह एक महीने के भीतर हिंदी नहीं सीखेगा, तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.
‘हिंदी क्यों नहीं सीखी?’
वीडियो में बीजेपी पार्षद रेनू चौधरी अफ्रीकी फुटबॉल कोच से धमकी भरे अंदाज में सवाल करती है कि हिंदी नहीं सीखी, क्यों नहीं सीखी? अगर इसने एक महीने में हिंदी नहीं सीखी, तो इनसे पार्क छीन लो. आगे कहा कि एक महीने के अंदर यहां की मातृभाषा नहीं सीखी तो कार्रवाई होगी.
बीजेपी पार्षद रेनू चौधरी आगे कहती है कि यहां (भारत) का पैसा खा रहे हो तो हिंदी बोलना सीखो. साथ ही वहां मौजूद लोगों से कहती है कि एक महीना दे दो इसे हिंदी सीख कर आएगा.
National News Channels will not cover this because this isn’t from Maharashtra, Karnataka or Tamil Nadu. This is BJP councillor Renu Chaudhary from Delhi confronting an African football coach in a public park, threatening him to learn Hindi within one month. The coach has been… pic.twitter.com/iqMkt9b8gH
— Mohammed Zubair (@zoo_bear) December 22, 2025
सोशल मीडिया पर रेनू चौधरी के खिलाफ भड़के लोग
वीडियो के वायरल होने के बाद सोशल मीडिया पर लोग बीजेपी पार्षद रेनू चौधरी के बर्ताव की कड़ी निंदा कर रहे हैं. सोशल मीडिया यूजर्स का कहना है कि कोई बीजेपी पार्षद रेनू चौधरी को बताए कि कितने भारतीय अफ्रीकी देशों में बिना वहां की लोकल भाषा सीखे रहते हैं.

