मध्य प्रदेश के स्वदेशी मेले में मुस्लिमों की दुकान बंद करा कर भगाया

दमोह: मध्य प्रदेश के दमोह से बड़ी खबर है. यहां सार्वजनिक मेले में मुस्लिम दुकानदारों की दुकानों पर पाबंदी लगाई गई है. न सिर्फ पाबंदी बल्कि जो मुस्लिम दुकानदार यहां मेले में दुकानें लगाए हुए थे, उन्हें भी मेले से बाहर कर दिया गया है. इस सनसनीखेज मामले के सामने आने के बाद इलाके में गहमागहमी मची हुई है. इस मामले पर अब सोशल मीडिया पर वार शुरू हो गया है.

दरअसल, दमोह के तहसील मैदान पर बीते 14 नवंबर से 24 नवंबर तक मेले का आयोजन हो रहा है. इस मेले को स्वदेशी मेला नाम दिया गया है. मेले के आयोजन के पीछे की जो वजह बताई गई है, वह यह है कि उसमें स्थानीय संस्कृति से लोगों को रूबरू कराने के साथ-साथ घरेलू उत्पादों के प्रति लोगों को आकर्षित करना है. ताकि लोग विदेशी चीजों और उत्पादों से दूर रहें. देश की आर्थिक स्थिति मजबूत हो. इस स्वदेशी मेले में जहां हर दिन विभिन्न प्रतियोगिताएं हो रही हैं, वहीं सांस्कृतिक आयोजन भी चल रहे हैं. मेले में बड़ी संख्या में दुकानें भी सजाई गई हैं और इन दुकानों में घरेलू और देश के अलग-अलग हिस्सों में बनी स्वदेशी चीजों को बेचा जा रहा है.

ज़ी सलाम की रिपोर्ट के अनुसार, मेला बीते तीन दिनों से चल रहा है, लेकिन रविवार को सोशल मीडिया के जरिए विवादास्पद बातें सामने आईं हैं. इसके बाद मेला सुर्खियों में आ गया है. इस स्वदेशी मेले में मुस्लिम दुकानदारों की एंट्री को बैन कर दिया गया है. मतलब, इस मेले में किसी भी मुस्लिम की दुकान नहीं लगेगी. जिन लोगों की दुकानें लगी थीं, उन्हें भी मेले से बाहर कर दिया गया है. सोशल मीडिया हेंडिल एक्स और फेसबुक के अलावा व्हाट्सप्प पर कुछ ऐसे ही दुकानदारों के बयान पोस्ट किए गए हैं, जो साफ बता रहे हैं कि उन लोगों को मेले से बाहर निकाल दिया गया है.

इस मेले में कश्मीर, उत्तर प्रदेश सहित देश के दूसरे राज्यों और मध्य प्रदेश के कई जिलों के व्यापारी अपनी अपनी दुकान लगाए थे. मेला समिति ने बाकायदा किराया लेकर इन दुकानों को यहां जगह दी थी. सोशल मीडिया पर आए वीडियो में कश्मीर और यूपी के दुकानदार बता रहे हैं कि उन्होंने मेले में विधिवत दुकानें ली थीं. 14 तारीख से वो लोग यहां दुकान चला रहे थे. लेकिन रविवार को मेला समिति ने उनसे दुकानें बंद कर यहां से बाहर चले जाने को कहा. शाम तक उनकी दुकानें बंद कर उन्हें मेले से बाहर किया गया. दुकानदार बता रहे हैं कि दुकानें बाहर करने की वजह उनका मुस्लिम होना है.

आरोप है कि मेला समिति ने सिर्फ मुस्लिम होने की वजह से उन्हें बाहर किया है. इतना ही नहीं, एक दुकानदार की मानें तो बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने उनसे दुकान बंद करने को कहा. इस मेले में ऐसे 20 से 22 मुस्लिम दुकानदारों को बाहर किया गया है. इस इलाके में ऐसा मौका पहली बार आया है, जब धर्म के नाम पर किसी मेले से वर्ग विशेष के दुकानदारों को बाहर किया गया है.

इस मामले में मेला आयोजन समिति और बजरंग दल के जिम्मेदार मीडिया से दूरी बनाए हुए हैं. कश्मीर और उत्तरप्रदेश के इन प्रभावित दुकानदारों की दुकानें बंद हो गई हैं और रविवार को ही उन्होंने दमोह भी छोड़ दिया है.

इधर, शिकायत मिलने के बाद दमोह कलेक्टर ने जांच का आश्वासन दिया है. हालांकि कलेक्टर सरकारी सुविधाओं से भरपूर इस मेले को संस्था का व्यक्तिगत मामला बता रहे हैं. वहीं स्वदेशी मेला में मुस्लिम दुकानदारों की नो एंट्री के बाद समाज विशेष में आक्रोश का माहौल है.

इस मामले में दमोह के जिला कलेक्टर ने कहा कि रविवार को हमें इसकी सूचना मिली थी. अधिकारियों को जांच का आदेश दिया है.

स्वदेशी जागरण मंच द्वारा सरकारी मैदान पर आयोजित होने वाले स्वदेशी मेले में सभी सरकारी विभाग के स्टॉल लगे हुए हैं, लेकिन दमोह कलेक्टर सरकारी सुविधाओं से भरपूर इस मेले को संस्था का व्यक्तिगत मामला बता रहे हैं.

दमोह के जिला कलेक्टर ने बताया कि ये कार्यक्रम सरकार की नहीं है. यह कार्यक्रम स्वदेशी जागरण मंच का है. वो किसे इस कार्यक्रम में बुलाते हैं या किसे नहीं बुलाते हैं ये उनके अधिकार क्षेत्र का विषय है.

spot_img
1,706FansLike
264FollowersFollow
118FollowersFollow
14,900SubscribersSubscribe