Dalit News Madhya Pradesh: देश की आजादी के 77 सालों बाद भी जातिवाद की घटनाएं अपने चरम पर हैं. जातिवाद की एक ऐसी ही शर्मनाक घटना मध्यप्रदेश से सामने आई है, जहां एक RSS कार्यकर्ता और उनके परिवार को दलित परिवार के यहां खाना खाने पर सामाजिक बहिष्कार का सामना करना पड़ा. आईए जानते हैं कि पूरा मामला क्या है.
क्या है पूरा मामला?
पूरा मामला मध्यप्रदेश के रायसेन जिले के पिपरिया पुआरिया गांव का है. यहां RSS कार्यकर्ता भरत राज धाकड़ और उनके दोस्तों ने दलित परिवार के घर पर मृत्युभोज के दौरान खाना खाया था. दलित परिवार के घर में खाना खाने के बाद उन्हें गांव में विरोध का सामना करना पड़ रहा है.
दलित संतोष परोले के घर खाना खाया था
RSS कार्यकर्ता भरत राज धाकड़ ने बताया कि उसने मनोज पटेल और टीचर सत्येंद्र रघुवंशी के साथ पिपरिया पुआरिया गांव के दलित संतोष परोले के घर खाना खाया था. खाने के दौरान का एक वीडियो बाद में सोशल मीडिया पर वायरल हो गया. वीडियो वायरल होने के बाद गांव के कुछ लोगों ने इसका विरोध करना शुरू कर दिया.
गांव पंचायत ने जारी किया फरमान
भरत राज ने बताया कि इसके तुरंत बाद, स्थानीय सरपंच भगवान सिंह पटेल की अगुवाई में गांव एक पंचायत हुई, जिसमें बलराम पटेल, नागेंद्र पटेल, निरंजन पटेल, जवाहर पटेल, लखन धाकड़, लक्ष्मण दास, रामसेवक शर्मा, जसमन सिंह और डिप्टी सरपंच चंद्र प्रकाश समेत कई गांव के लोग शामिल हुए. पंचायत के बाद गांव वालों ने फरमान जारी करते हुए भरत से कहा कि वाल्मीकि (दलित) परिवार के घर खाना खाना पाप है.
पंचायत ने तीनों के लिए शुद्धिकरण का फरमान जारी किया. इसके मुताबिक, तीनों को गंगा स्नान, और पाप को धुलने के लिए सामूहिक भोज का आयोजन करना था. पंचायत के दबाव में मनोज पटेल और सत्येंद्र रघुवंशी ने कथित तौर पर यह रस्म पूरी की. हाालंकि भरत ने इस आदेश को गैर-संवैधानिक बताते हुए मना कर दिया.

