Maharashtra: महाराष्ट्र के नांदेड़ के हुदा कॉलोनी में स्थित मस्जिद फ़ातिमा और मदरसा-तुल-हुदा (Masjid-e-Fatima and Madrasat-ul-Huda) इबादत और दीनी तालीम के साथ- साथ समाज में एक नई मिसाल पेश कर रही है. मस्जिद में समाज के विकास के लिए कई नई शुरूआत की गई है.
‘कम्युनिटी की जरूरतों का खास ध्यान’
मस्जिद के प्रेसिडेंट सालेह अली शबीबी के मुताबिक, यह मस्जिद अपनी खूबसूरत बनावट, सोच-समझकर की गई योजना और दूरदर्शिता की वजह से एक आदर्श मॉडल मानी जा सकती है. मस्जिद के निर्माण में नमाजियों की सुविधा के साथ-साथ पूरी कम्युनिटी की जरूरतों का खास ध्यान रखा गया है.
महिलाओं के लिए सिलाई–कढ़ाई केंद्र
मस्जिद में नमाजियों के लिए पार्किंग की जगह बनाई गई है. महिलाओं के लिए सिलाई–कढ़ाई केंद्र, बच्चों के लिए पार्ट-टाइम मकतब और बड़ी बच्चियों के लिए दीनी तालीम की अलग व्यवस्था की गई है. साथ ही, कॉलोनी के रोजमर्रा के सामाजिक मसलों के समाधान के लिए कम्युनिटी स्पेस भी बनाया गया है.
मस्जिद में चल रहे इन सभी चीजों का खर्च उठाने के लिए दुकानों का निर्माण किया गया है, जिससे मस्जिद आर्थिक रूप से मजबूत और आत्मनिर्भर रह सके. इस तरह यह मस्जिद इबादत, तालीम, सामाजिक सेवा और कम्युनिटी डेवलपमेंट की खूबसूरती की मिसाल पेश करती है.
मस्जिद के बारे में और चीजों को विस्तार से जानने के लिए आप हमारे यू-ट्यूब चैनल में विजिट कर सकते हैं. इस पूरी रिपोर्ट को इसी साल की शुरूआत में जनवरी में तैयार किया गया है.
