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स्वतंत्रता दिवस मनाने और मांस खाने का क्या संबंध? महाराष्ट्र में मीट बैन आदेश पर बवाल, ओवैसी- अजीत पवार ने उठाए सवाल

एनसीपी नेता और महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम अजित पवार और AIMIM सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने इस आदेश पर सवाल खड़े कर दिए हैं. ओवैसी ने कहा कि स्वतंत्रता दिवस मनाने और मांस खाने का क्या संबंध है?

Maharashtra Meat Ban Controversy: महाराष्ट्र के कई नगर निगमों ने स्वतंत्रता दिवस के मौके पर मांस की दुकानों को बंद रखने का निर्देश जारी किया गया है. वहीं कई नगर निगमों ने स्वतंत्रता दिवस के साथ अगले दिन होने वाले कृष्ण जन्माष्टमी तक मांस की दुकानों को बंद रखने का आदेश जारी किया है. इस आदेश के बाद राजनीति शुरू हो गई है. कई नेताओं ने इस आदेश के खिलाफ सवाल खड़े कर दिए हैं. एनसीपी नेता और महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम अजित पवार और AIMIM सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने इस आदेश पर सवाल खड़े कर दिए हैं. ओवैसी ने कहा कि स्वतंत्रता दिवस मनाने और मांस खाने का क्या संबंध है?

स्वतंत्रता दिवस पर मांस दुकान बंद रखने का आदेश

बता दें कि नागपुर, कल्याण-डोंबिवली और मालेगांव में स्वतंत्रता दिवस और कृष्ण जन्माष्टमी के मौके पर मांस की दुकानों को बंद रखने का निर्देश जारी किया गया है. वहीं नागपुर नगर निगम ने भी ऐलान किया है कि 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस और कृष्ण जन्माष्टमी के मौके पर नागपुर शहर में मांस की दुकानें और बूचड़खाने बंद रहेंगे.

महाराष्ट्र के कई नगर निगमों के इस तरह के आदेश के बाद राज्य की सियासत गरमा गई है. सत्तारूढ़ गठबंधन के एनसीपी नेताओं ने इस प्रतिबंध पर सवाल उठाए हैं, तो वहीं बीजेपी नेता इसका बचाव करते हुए नजर आ रहे हैं.

अजित पवार ने उठाया सवाल

महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री और एनसीपी नेता अजित पवार ने प्रतिबंध पर नाराजगी जताते हुए कहा कि अगर यह आषाढ़ी एकादशी या महावीर जयंती पर होता तो समझ में आता. लेकिन जब ऐसा कोई अवसर ही नहीं है, तो मांस की दुकानों को बंद रखने के लिए क्यों मजबूर किया जा रहा है?

‘स्वतंत्रता दिवस मनाने और मांस खाने का क्या संबंध है?’

इन आदेशों पर ओवैसी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर ट्वीट करते हुए कहा कि भारत के कई नगर निगमों ने 15 अगस्त को बूचड़खानों (मांस काटने की जगह) और मीट की दुकानें बंद करने का आदेश दिया है. अफसोस की बात है कि ग्रेटर हैदराबाद नगर निगम ने भी ऐसा ही आदेश दिया है. यह फैसला न सिर्फ असंवेदनशील है, बल्कि संविधान के खिलाफ भी है.

ओवैसी ने कहा कि स्वतंत्रता दिवस मनाने और मांस खाने का क्या संबंध है? तेलंगाना के 99% लोग मांस खाते हैं. ऐसे मीट बैन लोगों की आजादी, प्राइवेसी, रोजगार, संस्कृति, पोषण और धर्म से जुड़े अधिकारों का उल्लंघन करते हैं.

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