Maharashtra: महाराष्ट्र के शनि शिंगणापुर मंदिर ट्रस्ट ने 114 मुस्लिम कर्मचारियों को बर्खास्त कर दिया है. इसके बाद महारष्ट्र में काफी विवाद देखाजा रहा है. आरोप है कि शिंगणापुर मंदिर ट्रस्ट ने कथित तौर पर दक्षिणपंथी समूहों के दबाव में आकर मुस्लिम कर्मचारियों को निकाल दिया है. इस घटना पर समाजवादी पार्टी के विधायक रईस शेख ने कड़ा विरोध किया है.
धार्मिक भेदभाव के आधार पर निकालने का आरोप
बता दें कि मंदिर ट्रस्ट ने 114 मुस्लिम कर्मचारियों समेत 167 कर्मचारियों को निकाल दिया है. मंदिर ट्रस्ट की ओर से जारी बयान में कहा गया कि अनुशासनहीनता और अनियमितताओं के आरोपों के चलते इन कर्मचारियों को हटाया गया है. हालांकि इसे धार्मिक एंगल के रूप में देखा जा रहा है.
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, बीते कुछ समय से कई हिंदू संगठन मंदिर परिसर में मुस्लिम कर्मचारियों की मौजूदगी को लेकर विरोध कर रहे थे.
मंदिर ट्रस्ट ने आरोपों से किया इंकार
वहीं इन धार्मिक आरोपों पर मंदिर ट्रस्ट के सीईओ गोरक्षनाथ दरंडले ने इनकार किया. दरंडेल ने कहा कि भेदभाव का कोई सवाल ही नहीं है. यहां 2,400 से ज्यादा कर्मचारी काम करते हैं और जिन लोगों को नौकरी से निकाल दिया गया, उनमें से कई बार-बार नोटिस दिए जाने के बावजूद काम पर नहीं आए.
सपा विधायक रईस शेख ने कड़ा विरोध किया
इस मामले पर महाराष्ट्र समाजवादी पार्टी के विधायक रईस शेख ने इसका कड़ा विरोध किया है. रईस शेख ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक ट्वीट करते हुए कहा कि शनि शिंगणापुर मंदिर ट्रस्ट द्वारा 114 मुस्लिम कर्मचारियों को हटाना धार्मिक भेदभाव है और सरासर अन्याय है.
शनि शिंगणापुर मंदिर ट्रस्ट द्वारा 114 मुस्लिम कर्मचारियों को हटाना धार्मिक भेदभाव है और सरासर अन्याय है। मैं ये मुद्दा उपमुख्यमंत्री अजित पवार के सामने उठाऊंगा। महाराष्ट्र सभी का है, किसी एक धर्म का नहीं।https://t.co/Nf35u3eCoO
— Rais Shaikh (@rais_shk) June 16, 2025
रईस शेख ने आगे कहा कि मैं ये मुद्दा उपमुख्यमंत्री अजित पवार के सामने उठाऊंगा. उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र सभी का है, किसी एक धर्म का नहीं.
भाजपा नेता ने की थी मुस्लिम कर्मचारियों को हटाने की मांग
बता दें कि भाजपा के आध्यात्मिक समन्वय मोर्चा के नेता तुषार भोसले ने मंदिरों से गैर-हिंदू कर्मचारियों को हटाने की मांग की थी. मुस्लिम कर्मचारियों को हटाने के बाद भोसले ने कहा कि यह सनातन धर्म के लिए ऐतिहासिक जीत है. इसे अन्य मंदिर ट्रस्टों के लिए एक उदाहरण बनना चाहिए. हमारा पवित्र स्थान पुनः प्राप्त हो गया है.